प्रशिक्षण बिना नियमित नहीं होंगे देशभर के इंजीनियरिंग शिक्षक
प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धे ने कहा कि देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के अनियमित शिक्षकों को अनिवार्य रूप से मार्ग दर्शन योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण लेना होगा।
देहरादून, जेएनएन। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआइसीटीई) के चेयरमैन प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धे ने कहा कि देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के अनियमित शिक्षकों को अनिवार्य रूप से 'मार्ग दर्शन' योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण लेना होगा। जो शिक्षक यह प्रशिक्षण नहीं लेगा, उसकी नौकरी नियमित नहीं होगी। अगले तीन साल में शिक्षकों को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र लेना होगा।
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआइसीटीई) के तीन विशेष ऑनलाइन पोर्टल को बटन दबाकर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लांच किया। इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धे ने कहा कि यह तीन ऑनलाइन पोर्टल चेन्नई एनआइटी की ओर से विकसित किए गए हैं। इन पोर्टलों का संचालन देश की टॉप 15 कंपनियां करेंगी।
इन कंपनियों व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बीच मौके पर एमओयू साइन हुए। जिसमें कंपनी की ओर से उपस्थित प्रबंधन अधिकारी व मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हस्ताक्षर किए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के निर्धन, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं लिए पोर्टल में 25 फीसद सीटें आरक्षित की गई हैं। जिन्हें पोर्टल का निश्शुल्क लाभ दिया जाएगा, जबकि सामान्य वर्ग के छात्र कंपनी की ओर से निर्धारित रजिस्ट्रेशन शुल्क के बाद इन पोर्टल का लाभ ले सकते हैं।
यह हैं तीन ऑनलाइन पोर्टल
- 1 तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण पोर्टल: मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 11 सितंबर 2019 में इस योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत इस कार्यक्रम में आठ ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किए गए हैं। इसके तहत एक नया तकनीकी शिक्षक अपने शैक्षणिक कौशल में सुधार के लिए इन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का अध्ययन करेगा और इसके बाद एक सेमेस्टर की पढ़ाई भी मॉड्यूल के अनुसार करवाएगा।
- 2 मार्गदर्शन पोर्टल : इस योजना की घोषणा एमएचआरडी ने 18 सितंबर 2019 को की थी जिसके तहत देशभर में पहले से स्थापित आइआइटी, एनआइटी व एआइसीटीई से अनुमोदित संस्थान अपने आसपास के नए तकनीकी कॉलेजों का मार्गदर्शन करेंगे। साथ ही नए इंजीनियरिंग कॉलेजों को नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन (एनबीए) प्राप्त करने में सहयोग करेंगे।
- 3 नेट पोर्टल : राष्ट्रीय शैक्षिक गठबंधन प्रौद्योगिकी (नेट) योजना की घोषणा एमएचआरडी की ओर से 16 सितंबर 2019 को की गई थी। इस ऑनलाइन योजना का उद्देश्य शिक्षार्थियों की सुविधा के लिए शिक्षा शास्त्र में सर्वश्रेष्ठ तकनीकी समाधान को एक मंच पर लाना है। पोर्टल में रोजगार के लिए योग्यता, कोडिंग, भाषा, रचनात्मक सोच पर मॉड्यूल विकसित किए गए हैं।
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यह भी लिए गए अहम निर्णय
- सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों को एआइसीटीई से लेनी होगी मान्यता
- तकनीकी शिक्षकों को संस्थान में अपना रोल क्या है यह सिद्ध करना होगा।
- उच्च तकनीकी संस्थानों से सेवानिवृत्त प्रोफेसर 75 साल की उम्र तक अपने आसपास के संस्थान में कर सकते मार्गदर्शन
- सेवानिवृत्त प्रोफेसरों को एआइसीटीई की ओर से मिलेगा भत्ता व किराय भाड़ा
- देश के 1500 कॉलेजों में एआइरीटीई की ओर से नवाचार सैल का गठन किया गया।
- स्मार्ट इंडिया हेकॉथान में देश के ढ़ाई लाख युवाओं को जोड़ा गया है।
- इंजीनियरिंग कॉलेजों में नए छात्र के लिए तीन महीने का इंडक्शन कार्यक्रम।
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