अध्यापकों के समायोजन की प्रक्रिया तेज, 25 तक सौंपना होगा सरप्लस शिक्षकों का डाटा
सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के समायोजन की प्रक्रिया तेज हो गई है। अधिकारियों को 25 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से यह डाटा निदेशालय को सौंपने के आदेश दिए गए हैं।
देहरादून, जेएनएन। सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों के समायोजन की प्रक्रिया तेज हो गई है। शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश भर के शिक्षा अधिकारियों से सरप्लस शिक्षकों का डाटा दोबारा मांगा है। अधिकारियों को 25 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से यह डाटा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से निदेशालय को सौंपने के आदेश दिए गए हैं।
सरकार ने स्कूलों में तैनात मानक से अधिक शिक्षकों को अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में शिफ्ट करने की पहल की थी। जिसके बाद शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के सीईओ और डीईओ से स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों को डाटा मांगा था। जिसके तहत प्रदेश के सभी स्कूलों में छात्र और शिक्षकों की संख्या का आकलन किया गया था। तब उस दौरान बड़ी संख्या में शिक्षक सरप्लस पाए गए। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए ही सरकार प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक शिक्षकों का नए सिरे से समायोजन करने जा रही है। पहले आकलन में प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या लगभग डेढ़ हजार निकल कर आई थी। अपर निदेशक-बेसिक वीएस रावत ने सभी डीईओ-बेसिक को 25 अक्टूबर तक सभी स्कूलों के सरप्लस शिक्षकों का डाटा मांगा है। अधिकारियों को हार्ड कापी और ई - मेल दोनों माध्यम से यह डाटा भेजना होगा।
30 छात्रों पर एक शिक्षक का नियम
शिक्षा के अधिकार के मानक के अनुसार स्कूलों में 30 छात्रों पर एक शिक्षक का नियम है। उत्तराखंड में यह मानक 20 छात्र पर एक शिक्षक है। कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां छात्र कम होने पर भी शिक्षक ज्यादा हैं। 10 और इससे कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की संख्या 2500 से ज्यादा है। इसलिए सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है। इसी मानक को ध्यान में रखते हुए समायोजन किया जाएगा।
गलत डाटा को सुधारने का मौका
निदेशालय के आदेशों पर पिछली बार प्राप्त डाटा में कई खामियां भी सामने आई थी। शून्य छात्र संख्या वाले या बंद पडे स्कूलों में भी शिक्षकों की तैनाती दिखाई गई थी। अपर निदेशक वीएस रावत ने इन गलतियों को न दोहराने के आदेश दिए हैं। साथ ही डाटा में आदर्श स्कूलों को अलग से हाईलाइट करने के आदेश भी किए हैं।
वीएस रावत (अपर निदेशक, बेसिक शिक्षा) का कहना है कि शिक्षकों के समायोजन के लिए स्कूलों से सरप्लस शिक्षकों का डाटा मंगवाया गया है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए अलग- अलग प्रारूप भेजा गया है। 25 अक्टूबर तक डाटा मिलने के बाद, इस पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
तदर्थ सेवाकाल जोड़कर मिले चयन, प्रोन्नत वेतनमान
अशासकीय सहायता प्राप्त शिक्षकों ने चयन, प्रोन्नत वेतनमान का लाभ तदर्थ सेवाकाल जोड़कर देने का मामला उठाया है। उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव से मुलाकात कर यह मांग रखी। संघ ने सचिव को 25 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा। शिक्षा सचिव आर मिनाक्षी सुंदरम ने शिक्षकों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बुधवार को सचिवालय में शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव आर मिनाक्षी सुंदरम से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं। प्रांतीय अध्यक्ष डा. अनिल शर्मा ने सचिव से अशासकीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों को चयन, प्रोन्नत वेतनमान में तदर्थ सेवाकाल को जोड़ने की मांग को प्रमुखता से उठाया।
शर्मा ने बताया कि प्रदेश भर में अशासकीय स्कूलों में लगभग 12 हजार शिक्षक तैनात हैं। जिनमें से लगभग 80 फीसद शिक्षक तदर्थ सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे शिक्षकों के चयन, प्रोन्नत वेतनमान में तदर्थ सेवाएं नहीं जोड़कर सरकार शिक्षकों के साथ नाइंसाफी कर रही है। साल 2005 के बाद पुरानी पेंशन योजना लागू हो शिक्षक संघ ने एक अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की पैरवी की है। साथ ही मानदेय रहित पीटीए शिक्षकों को मानदेय देने और पीटीए के माध्यम से 10 हजार रुपये मानदेय पर तैनात शिक्षकों को तदर्थ करने की मांग भी उठाई।
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संघ के प्रांतीय महामंत्री जगमोहन सिंह ने राजकीय शिक्षकों की भांति अशासकीय शिक्षक व कर्मचारियों को भी आयुष्मान गोल्डन कार्ड योजना का लाभ देने की मांग की। सचिव ने संघ की मांगों की समीक्षा कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। बैठक में संयुक्त सचिव कवींद्र सिंह, उप सचिव गिरधर भाकुनी, समीक्षा अधिकारी सुरेश पाण्डेय, अपर निदेशक आरके उनियाल, उप निदेशक जेपी यादव आदि मौजूद रहे।
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अन्य मांगे
- अंशदायी पेंशन योजना का लाभ सीधे एकाउंट में मिले।
- 590 तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण के लिए अधिनियम में संशोधन हो।
- डाउनग्रेड प्रधानाचार्यों के पद पर पदोन्नति हो।
- सामूहिक बीमे की धनराशि की कटौती ग्रेड पे के अनुरूप मिले।
- नियुक्ति प्रक्रिया में एनसीसी, एनएसएस समेत अन्य क्रियाकलापों का वेटेज मिले।
- अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में रमसा पूर्ण रूप से लागू हो।
- नियुक्ति के लिए शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया जाए।
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