निजी लैब को रखना होगा टेस्ट कराने वालों का पूरा रिकॉर्ड
कोरोना के सैंपल टेस्ट करने वाली प्राइवेट टेस्टिंग लैब प्रबंधन को टेस्टिंग करने वालों का सही नाम और फोन नंबर रखना सुनिश्चित करना होगा।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना के सैंपल टेस्ट करने वाली प्राइवेट टेस्टिंग लैब प्रबंधन को टेस्टिंग करने वालों का सही नाम और फोन नंबर रखना सुनिश्चित करना होगा। टेस्टिंग कराने वालों द्वारा गलत जानकारी देने की घटनाएं सामने आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिलाधिकारियों को इस संबंध में व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार को जिलाधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ कोरोना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिलाधिकारी प्राइवेट लैब में सैंपल टेस्ट कराने वालों द्वारा सही नाम और नंबर दर्ज करवाना सुनिश्चित करें। जिससे कांटेक्ट ट्रेसिंग करने में दिक्कत न आए। उन्होंने सैंपल टेस्टिंग को बढ़ाने ओर सर्विलांस सिस्टम को और मजबूत करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीनियर डॉक्टर अस्पताल में भर्ती मरीजों की व्यक्तिगत रूप से देखभाल करें। जिलाधिकारी, सीएमओ और सीडीओ स्तर के अधिकारी भी इनकी निगरानी करें। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि टेस्टिंग रिपोर्ट जल्द आए। औद्योगिक क्षेत्रों में इनकी गति बढ़ाई जाए।
ऊधमसिंह नगर, नैनीताल एवं हरिद्वार में विशेष सतर्कता बरती जाए। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा जिन जनपदों में पांच प्रतिशत से अधिक पॉजिटिव रेट हैं वहां सैंपलिंग की गति बढ़ाई जाए। कोविड केयर सेंटर में समय-समय पर चेकअप करने के लिए डॉक्टर भेजे जाएं। बैठक में पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अशोक कुमार, सचिव शैलेश बगोली, पंकज पांडेय, एसए मुरुगेशन व आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन भी उपस्थित थे।
निजी अस्पतालों पर महकमा कस रहा नकेल
कोरोनाकाल में मनमानी पर उतारू निजी अस्पतालों पर अब स्वास्थ्य विभाग ने नकेल कसनी शुरू कर दी है। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार को कई निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिन अस्पतालों में कमियां मिली, उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए।
दरअसल, शहर के कई निजी अस्पताल मनमानी कर रहे हैं। कोरोना के मरीजों का इलाज करने में भी अस्पताल हाथ खड़े कर रहे हैं। यही नहीं, पहले से अस्पताल में भर्ती किसी मरीज की जांच रिपोर्ट यदि पॉजिटिव आ रही है तो उसे गंभीर अवस्था में ही कोविड अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जा रहा है। इस स्थिति में कई बार मरीजों की जान पर बन आ रही है।
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निजी अस्पतालों की मनमानी को लेकर स्वास्थ्य विभाग को कई शिकायतें भी मिली हैं। इस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीसी रमोला के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अलग-अलग निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश चौहान के नेतृत्व में अस्पतालों का निरीक्षण करने गई टीम को अस्पतालों में खामियां भी मिली। विभागीय अधिकारियों द्वारा संबंधित अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि कमियों में सुधार किया जाए। अस्पताल में जो भी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, बिना भेदभाव उनका इलाज किया जाए। कहा कि पैसे की कमी के कारण किसी भी मरीज का इलाज रुकना नहीं चाहिए। कोरोना या अन्य किसी बीमारी के मरीज को स्थिति सामान्य होने तक रेफर न किया जाए। इसके अलावा शारीरिक दूरी का पालन, मास्क की अनिवार्यता आदि पर अमल करने के भी निर्देश दिए गए हैं।