उत्तराखंड में डेंगू नियंत्रण को निजी चिकित्सक भी आएंगे साथ, कार्ययोजना तैयार
उत्तराखंड में मलेरिया डेंगू की रोकथाम एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस संदर्भ में सभी जनपदों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्य योजना तैयार की गई।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में मलेरिया, डेंगू की रोकथाम एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस संदर्भ में राज्य के सभी जनपदों के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्य योजना तैयार की गई।
निदेशक एनएचएम डॉ. अंजलि नौटियाल ने डेंगू, मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए प्राइवेट हेल्थ प्रैक्टिशनर एवं अस्पतालों को साथ लेकर कार्य करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में आइएमए, निजी पैथोलॉजी केंद्र व रजिस्टर्ड मेडिकल पै्रक्टिशनर के साथ बैठक कर ली जाए।
उन्हें डेंगू-मलेरिया के लिए अनुमन्य उपचार एवं जांच के मानकों के बारे में जानकारी देते हुए उसके अनुसार ही जांच एवं उपचार के लिए कहा जाए। यह निर्देश दिए कि सीधा प्राइवेट अस्पताल या नर्सिंग होम इलाज के लिए जाने वाले डेंगू-मलेरिया के मरीजों की रिपोर्टिंग अनिवार्य रूप से की जाए।
बजट, संसाधनों पर मांगा प्रस्ताव
स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह समय पर बजट एवं अन्य संसाधनों के विषय में प्रस्ताव तैयार कर महानिदेशालय को प्रस्तुत करें। ताकि शासन के साथ विचार विमर्श कर मांग के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जा सके।
उन्होंने कहा कि सभी जिला वेक्टर जनित रोग अधिकारी अपने जनपदों के जिलाधिकारियों केसाथ नियमित रूप से समन्वय करें और नगर निगम, शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों से सहयोग लेते हुए मच्छरों के पनपने वाले स्थानों को चिन्हित कर समाप्त करने का कार्य कराएं।
होमवर्क में मिलेगा जागरूकता संदेश कार्ड
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने राज्य स्तर पर तैयार किए गए डेंगू-चिकनगुनिया जागरूकता कार्ड को स्कूली बच्चों के माध्यम से उपयोग किए जाने की जानकारी दी। बताया कि स्कूली बच्चों के लिए गृह कार्य के रूप में एक जागरूकता संदेश कार्ड तैयार किया गया है। जिसे कक्षाध्यापक की ओर से बच्चों को होमवर्क के तौर पर दिया जाना है।
इस कार्ड पर बच्चे जुलाई से लेकर अक्टूबर तक मच्छरों के पनपने के स्थान और उन्हें समाप्त करने के बारे में जानकारी देंगे। यह गृह कार्य बच्चों के पिता/संरक्षक की टिप्पणी व हस्ताक्षर सहित स्कूल में कक्षाध्यापक को वापस जमा करना होगा। इस प्रकार बच्चों को जहां एक ओर मच्छरों के पनपने के स्थान समाप्त करने की जानकारी मिलेगी, वहीं उनके माता-पिता व आसपास को लोगों में भी जागरूकता आएगी।
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