प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऋषिकेश से राष्ट्र को समर्पित किए 35 आक्सीजन प्लांट, कहा- उत्तराखंड के विकास को नई बुलंदी देगा डबल इंजन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को सेना के हेलीकाप्टर से सुबह करीब 11 बजे एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड पर लैंड किया। पीएम मोदी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में पीएम केयर्स फंड से निर्मित आधुनिक आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया।
राज्य ब्यूरो, ऋषिकेश: देवभूमि से विशेष लगाव रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को तीर्थनगरी ऋषिकेश से 27 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम केयर फंड से स्थापित 35 पीएसए आक्सीजन प्लांट राष्ट्र को समर्पित किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देवभूमि ने योग एवं आयुर्वेद की शक्ति से जीवन को आरोग्य बनाने का समाधान दिया और उसी धरती से आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण हुआ है। साथ ही खुद को उत्तराखंड से जोड़ते हुए डबल इंजन के बूते हो रहे कार्यों को रेखांकित किया और कहा कि डबल इंजन उत्तराखंड के विकास को नई बुलंदी देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेडिकल आक्सीजन के क्षेत्र में देश ने बड़ा लक्ष्य हासिल किया है और भविष्य में हम इसमें सक्षम राष्ट्र बन जाएंगे। कोविड से लड़ाई में भारत की मजबूत इच्छाशक्ति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कोविन पोर्टल के माध्यम से सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाकर भारत ने दुनिया को राह दिखाई है।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने रिमोट दबाकर आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण किया।
अपने संबोधन में उन्होंने कोरोना संकट का जिक्र करते हुए कहा कि भारत जिस बहादुरी से इसका सामना कर रहा है, उसे दुनिया बारीकी से देख रही है। इतने कम समय में जो सुविधाएं विकसित की गई, वह हमारे सामथ्र्य को दिखाती हैं। सिर्फ एक टेस्टिंग लैब से तीन हजार टेस्टिंग लैब का नेटवर्क और मास्क व किट के आयातक से निर्यातक बनने का सफर एक बड़ी उपलब्धि है। मेड इन इंडिया वैक्सीन का निर्माण करने के साथ ही तेजी से टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। अब तक 93 करोड़ व्यक्तियों को वैक्सीन दी जा चुकी है और जल्द ही हम सौ करोड़ के आंकड़े को पार कर लेंगे। यह भी हमारी संकल्प शक्ति, सेवाभाव व एकजुटता का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में देश की बड़ी जनसंख्या और विषम भूगोल की चुनौती भी थी। देश में पूर्व में सामान्य दिनों में 900 मीट्रिक टन मेडिकल आक्सीजन का उत्पादन होता था, जिसे हमने 10 गुना से ज्यादा बढ़ाया। ये अकल्पनीय लक्ष्य था, मगर भारत ने इसे हासिल कर दिखाया। आक्सीजन आपूर्ति की चुनौती को स्पेशल ट्रेन और वायुसेना की मदद से हल किया गया। डीआरडीओ की मदद से नए आक्सीजन संयंत्रों का निर्माण किया गया। पीएम केयर फंड से आक्सीजन प्लांट स्थापित हो रहे हैं तो एक लाख से अधिक आक्सीजन कंसन्टे्रटर को पैसा दिया गया। देश में 1150 आक्सीजन प्लांट काम करना शुरू कर चुके हैं और प्रत्येक जिला इससे कवर हो गया है। केंद्र व राज्य सरकारों के प्रयासों से 4000 नए आक्सीजन प्लांट भी देश को मिलने जा रहे हैं।
अब नागरिकों के पास जाती है सरकार
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत जनता की अपेक्षाओं व आशाओं का समाधान करते हुए आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार आज इस बात का इंतजार नहीं करती कि नागरिक उसके पास अपनी समस्याएं लेकर आएंगे, तब कोई कदम उठाएंगे। सरकारी माइंडसेट और सिस्टम से इस भ्रांति को हम बाहर निकाल रहे हैं। अब सरकार नागरिकों के पास जाती है।
हर जिले में हो एक मेडिकल कालेज
स्वास्थ्य सेवाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि छह-सात साल पहले तक कुछेक राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी। आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने को काम हो रहा है। छह से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक मेडिकल कालेज हो। बीते सात वर्षों में 170 नए मेडिकल कालेज मंजूर किए गए। इनमें उत्तराखंड के रुद्रपुर, हरिद्वार व पिथौरागढ़ मेडिकल कालेज भी हैं।
कर्म-मर्म और सत्व-तत्व का नाता
प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से उनका गहरा नाता है। इस दिव्य धरा ने अनेक व्यक्तियों की जीवनधारा को बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है। यह भूमि उनके लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका इससे उनका मर्म से कर्म और सत्व से तत्व का नाता है। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले देवभूमि और बाबा केदार के आशीर्वाद से उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जनता की सेवा का नया दायित्व मिला। फिर वह देश के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। आज इस यात्रा के 21वें वर्ष में प्रवेश करने के मौके पर वह देवभूमि में हैं, जिसे वह अपना सौभाग्य समझते हैं।
अटल की भूमिका व एतिहासिक कार्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड राज्य का सपना पूरा किया और अब यहां एतिहासिक कार्य हो रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने चारधाम को जोडऩे के लिए आल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, उड़ान योजना में हवाई कनेक्टिविटी व हेलीपोर्ट की स्थापना आदि का जिक्र किया।
जनभावनाओं को छूने का प्रयास
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की जनभावनाओं को छूने का प्रयास भी किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं का जीवन आसान बनाने की दिशा में कई पहल की हैं। वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले यहां 1.30 लाख घरों में ही जल संयोजन थे, जो अब 7.10 लाख हो गए हैं। इसके साथ ही उज्ज्वला योजना, शौचालयों की स्थापना जैसे कदमों से महिलाओं को सुविधा, सुरक्षा व सम्मान दिया गया। उन्होंने कहा कि सैन्य बहुल उत्तराखंड की सुरक्षा में बड़ी भूमिका है। हर फौजी और पूर्व फौजी के हितों को लेकर सरकार गंभीरता से काम कर रही है। वन रैंक-वन पेंशन की 40 साल पुरानी मांग पूरी की गई है तो जेसीओ व अन्य पदों पर पदोन्नति का मामला सुलझा दिया गया है। पूर्व सैनिकों की पेंशन के लिए डिजिटल व्यवस्था की जा रही है। सेना को आधुनिक हथियार व उपकरण मुहैया कराए गए हैं। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का अभियान चलाया गया है। इन सबका लाभ उत्तराखंड को भी मिलेगा।
राज्य की प्रगति के लिए डबल इंजन
प्रधानमंत्री ने राज्य के परिप्रेक्ष्य में डबल इंजन के बूते प्रगति का खाका भी खींचा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को दशकों की उपेक्षा से निकालने का प्रयास किया गया है। वीरान गांव आबाद होने लगे हैं तो आधारभूत ढांचा विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 25वें वर्ष में उत्तराखंड किस ऊंचाई पर हो, इसके लिए सभी को जुटना होगा। केंद्र व राज्य के साझा प्रयास यहां के सपनों को पूरा करने का आधार बनेंगे। डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है।
120 देशों को भी दी वैक्सीनस
मारोह में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोरोना संकट से निबटने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का ब्योरा रखा। उन्होंने कहा कि ''वसुधैव कुटुंबकम'' की भावना को केंद्र में रख भारत ने 120 देशों को वैक्सीन देने का काम किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन में उत्तराखंड हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
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