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पतंजलि विवि के पहले दीक्षा समारोह में बोले राष्ट्रपति कोविन्द, पंथ-संप्रदाय नहीं, मानवता से जुड़ा है योग

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि योग किसी पंथ-संप्रदाय से नहीं जुड़ा है बल्कि यह तो तन-मन को स्वस्थ रखने की पद्धति है। पहले योग साधु-संन्यासियों तक ही सीमित था लेकिन बाबा रामदेव ने योग की परिभाषा ही बदल कर रख दी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 10:39 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 09:57 PM (IST)
पतंजलि विवि के पहले दीक्षा समारोह में बोले राष्ट्रपति कोविन्द, पंथ-संप्रदाय नहीं, मानवता से जुड़ा है योग
पतंजलि विवि के पहले दीक्षा समारोह में शामिल होंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि योग किसी पंथ-संप्रदाय से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह तो तन-मन को स्वस्थ रखने की पद्धति है। पहले योग साधु-संन्यासियों तक ही सीमित था, लेकिन बाबा रामदेव ने योग की परिभाषा ही बदल कर रख दी। योग को विश्व के हर क्षेत्र और विचारधार के लोगों ने अपनाया है। राष्ट्रपति हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षा समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने 78 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 700 स्नातक, 620 स्नातकोत्तर, एक एमफिल व 11 पीएचडी विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की।

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शाम को राष्ट्रपति ने ऋषिकेश परमार्थ निकेतन घाट पर गंगा आरती में भी भाग लिया। सोमवार को राष्ट्रपति देव संस्कृति विवि और शांतिकुंज में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हरिद्वार का भारतीय परंपरा में विशेष महत्व है। यहां श्रीविष्णु और महादेव, दोनों का वास है। इसलिए यहां रहना और शिक्षा ग्रहण करना सौभाग्य की बात है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि छात्र-छात्राएं आलस्य ओर प्रमाद को त्यागकर योग परंपरा में उल्लिखित अन्नमय कोश, मनोमय कोश और प्राणमय कोश की शुचिता के लिए सचेत रहेंगे। विज्ञानमय कोश और आनंदमय कोश तक की आंतरिक यात्रा पूरी करने की महत्वाकांक्षा के साथ आगे बढ़ेंगे। साथ ही करुणा और सेवा के आदर्शों को आचरण में ढालकर समाज की सेवा को जीवन का ध्येय बनाएंगे। इसका उदाहरण देशवासियों ने कोरोना का सामना करते हुए भी प्रस्तुत किए।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि भारत उन चुनिंदा देश में शामिल है, जिन्होंने न सिर्फ कोरोना के मरीजों की प्रभावी देखभाल की, बल्कि इस बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन का भी उत्पादन किया। भारत में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। कहा कि सृष्टि के साथ सामंजस्यपूर्ण जुड़ाव ही आयुर्वेद और योग शास्त्र का लक्ष्य है। इस सामंजस्य के लिए यह भी जरूरी है कि हम सभी प्रकृति के अनुरूप जीवन शैली को अपनाएं और प्राकृतिक नियमों का उल्लंघन न करेें।

योग की लोकप्रियता बढ़ाने में योग गुरु बाबा रामदेव के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज योग से अनगिनत लोगों को फायदा पहुंचा है। वर्ष 2015 में जहां संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया, वहीं वर्ष 2016 में यूनेस्को ने इसे विश्व की अमूर्त धरोहर की सूची में शामिल किया। कहा कि पतंजलि स्वदेशी उद्यमिता को बढ़ावा देने का जो कार्य कर रहा है, वह सराहनीय है। पतंजलि ने विदेशी विद्यार्थियों के लिए एक विशेष सेल का गठन किया है। इसके जरिये भारतीय मूल्य और संस्कारों का प्रचार-प्रसार होगा। साथ ही 21वीं सदी के भारत निर्माण में पतंजलि विश्वविद्यालय का अहम योगदान रहेगा।

शिक्षा के विस्तार में अग्रणी भूमिका निभा रही बेटियां

राष्ट्रपति ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय में बेटों की अपेक्षा बेटियों की संख्या अधिक है। यह खुशी की बात है कि परंपरा पर आधारित आधुनिक शिक्षा के विस्तार में हमारी बेटियां अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। इन्हीं बेटियों में से आधुनिक युग की गार्गी, मैत्रेयी, अपाला, रोमशा, लोपामुद्रा आदि निकलेंगी। जो भारतीय मनीषा और समाज की श्रेष्ठता को विश्व पटल पर स्थापित करेंगी।

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