अब प्री मैरिज काउंसलिंग से घुलेगी रिश्तों में 'मिठास', महिला आयोग ने की पहल
महिला आयोग नई पहल करने जा रहा है। इसके तहत शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन की काउंसलिंग की जाएगी।
देहरादून, जेएनएन। दांपत्य जीवन में दरार के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए महिला आयोग नई पहल करने जा रहा है। इसके तहत शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन की काउंसलिंग की जाएगी। प्री-मैरिज काउंसलिंग को लेकर राज्य महिला आयोग की सचिव ने शनिवार को आयोग के सदस्यों और स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ बैठक की। इसमें डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर भी शामिल रहे।
बैठक में महिला आयोग की सचिव कामिनी गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में पति-पत्नी के बीच विवाद की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। कई बार रिश्ता टूटने तक की नौबत आ जाती है। इससे न सिर्फ संबंधित दंपती बल्कि उनके बच्चों का भविष्य भी प्रभावित होता है। दंपती के अभिभावक भी परेशान होते हैं। ऐसे में रिश्तों को आजीवन बनाए रखने के लिए शादी से पहले परामर्श और काउंसलिंग की विशेष आवश्यकता है। उन्होंने स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी इसका कुछ सारांश जोड़ने की जरूरत बताई, जिससे बच्चे शुरुआत से ही वैवाहिक जीवन की महत्ता और गंभीरता समझ सकें।
पूरे राज्य में किया जाएगा योजना का प्रचार-प्रसार
बैठक में निर्णय लिया गया कि इस पहल का राज्यभर में शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा। बैठक में रश्मि चौधरी, डॉ. मधु थपलियाल, हेमलता बहन, इंदू नौडियाल, बीना वालिया, बीना वालिया, जगेंद्र सिंह रावत, उप निरीक्षक ज्योति नेगी, एडवोकेट महिला आयोग डीआर सिंह, अंजली मलेठा और शानू रावत उपस्थित रहीं।
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प्री-मैरिज काउंसलिंग अभिभावकों के लिए भी महत्वपूर्ण
महिला आयोग की सचिव कामिनी गुप्ता ने कहा कि प्री-मैरिज काउंसलिंग की जितनी आश्यकता शादी करने जा रहे युवक-युवतियों को है, उतनी ही जरूरत अभिभावकों को भी है। क्योंकि, अभिभावकों का शादी और उसके बाद विशेष योगदान होता है। अभिभावक ही बच्चों को शादी के बारे में सही दिशा-निर्देश दे सकते हैं।
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