कैग की रिपोर्ट पर पेयजल मंत्री ने जानी हकीकत
कैग की रिपोर्ट में नमामि गंगे परियोजना को लेकर उठाए गए सवालों पर सरकार ने भी स्थिति की जानकारी हासिल की है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: कैग की रिपोर्ट में नमामि गंगे परियोजना को लेकर उठाए गए सवालों पर सरकार ने भी स्थिति की जानकारी हासिल की है। पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि ग्राम पंचायतों में बेसलाइन सर्वे 2012 के अनुसार कुछ परिवार सर्वेक्षण से छूट गए थे। सरकार इन छूटे परिवारों के साथ ही सृजित हुए नए परिवारों के लिए शौचालय बना रही है।
शनिवार को पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने नमामि गंगे परियोजना से जुड़े अधिकारियों संग बैठक की। बैठक में बताया गया कि ग्राम पंचायत ही यह घोषणा करती है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं कर रहा है और उनकी ग्राम पंचायत खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो गई है। ग्राम पंचायतों का रेंडम आधार पर सर्वेक्षण किया जाता है। सर्वेक्षण दल की रिपोर्ट मिलने के बाद ही अगस्त 2015 और दिसंबर 2016 के बीच ओडीएफ की घोषणा की गई। राज्य में कुछ परिवार ऐसे हैं जो मौसमी प्रवास करते हैं। केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार एक परिवार को एक ही बार शौचालय सुविधा दी जाती है। दूसरी ग्राम पंचायत में जाने पर इन्हें स्वयं शौचालय का निर्माण करना होता है अथवा सामुदायिक शौचालयों का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में सामुदायिक शौचालय प्रयोग करने वालों को भी शामिल करते हुए ग्राम पंचायत अपने को ओडीएफ घोषित करती हैं। कैग रिपोर्ट के अनुसार ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की प्रगति बहुत कम करने को ओडीएफ से जोड़ने पर बताया गया कि पंचायतों में ठोस एवं अपशिष्ट प्रबंधन को ओडीएफ मानकों में शामिल नहीं किया गया है।
पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि ग्राम पंचायतों के बेसलाइन सर्वे में कुछ परिवार सर्वेक्षण में छूट गए थे। सर्वे के बाद भी कई परिवार अपने मूल परिवार से अलग होकर नए परिवार बने हैं। यह एक सतत प्रक्रिया है। इनके लिए राज्य सरकार ओडीएफ प्लस योजना चाल रही है। ऐसे परिवारों को शौचालय से आच्छादित करने के लिए केंद्र से आर्थिक सहायता मांगी गई है।