Move to Jagran APP

पिरूल प्रोजेक्ट पर बढ़े उत्तराखंड के कदम, इससे बिजली उत्पादन हुआ प्रारंभ

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट पिरूल (चीड़ की पत्तियों) से बिजली उत्पादन प्रारंभ हो गया है। पहले चरण में आवंटित 21 परियोजनाओं में से सात की स्थापना की जा चुकी है। इनसे बिजली उत्पादन शुरू कर उत्तराखंड ऊर्जा निगम के ग्रिड में भेजी जा रही है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 05:48 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 05:48 PM (IST)
पिरूल प्रोजेक्ट पर बढ़े उत्तराखंड के कदम, इससे बिजली उत्पादन हुआ प्रारंभ
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट पिरूल (चीड़ की पत्तियों) से बिजली उत्पादन प्रारंभ हो गया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट पिरूल (चीड़ की पत्तियों) से बिजली उत्पादन प्रारंभ हो गया है। पहले चरण में आवंटित 21 परियोजनाओं में से सात की स्थापना की जा चुकी है। इनसे बिजली उत्पादन शुरू कर उत्तराखंड ऊर्जा निगम के ग्रिड में भेजी जा रही है। पिरूल से बिजली उत्पादन की योजना ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार का जरिया बन ही रही है, साथ में पर्यावरण संरक्षण में इसकी अहम भूमिका है। खासतौर पर जंगलों में पिरुल की वजह से लगने वाली आग में अब कमी आ सकेगी। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगलों में लगने वाली आग का बड़ा कारण पिरुल ही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पर्यावरण को बचाने में इस योजना की अहमियत देखते हुए इसे मुहिम के तौर पर शुरू करने के निर्देश दिए थे। वर्ष 2018 में प्रदेश में पिरुल नीति लागू की जा चुकी है।

loksabha election banner

दरअसल, माना जाता है कि उत्तराखंड में फैले 4 लाख हेक्टेयर वन में 16.36 फीसद चीड़ के वन हैं। पिरूल आधारित बिजली उत्पादन संयंत्रों को स्थानीय निवासियों को आवंटित किया जाता है। इससे उत्पादित बिजली को ऊर्जा निगम आगामी 20 वर्षों तक 7.54 की दर पर खरीदने का अनुबंध किया जाता है। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि उक्त योजना के तहत वर्तमान में पहले चरण में 21, दूसरे चरण में 17 व तीसरे चरण में 24 समेत कुल 62 परियोजनाएं आवंटित की गई हैं।

इनमें अल्मोड़ा में 17, नैनीताल में 10, पिथौरागढ़ में आठ, चंपावत में तीन, पौड़ी में चार, उत्तरकाशी में नौ, चमोली में चार, टिहरी में एक, रुद्रप्रयाग में एक और बागेश्वर में पांच परियोजनाओं का आवंटन हुआ है। ऊर्जा सचिव ने बताया कि पहले चरण की 21 परियोजनाओं में सात की स्थापना पूरी हो चुकी है। इनसे मिल रही बिजली ऊर्जा निगम के ग्रिड में दी जा रही है। उक्त योजना से बिजली में प्रदेश आत्मनिर्भर होगा, साथ में करीब 325 व्यक्तियों को स्वरोजगार मिलेगा।

यह भी पढ़ें-अंधेरा दूर करने के साथ युवाओं को रोजगार से जोड़ेगी सौर ऊर्जा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.