Move to Jagran APP

सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट वाली विद्युत वितरण डिविजन होगी पुरस्कृत

राजधानी दून में सबसे ज्यादा बिजली बिलों का डिजिटल भुगतान लेने वाले विद्युत वितरण डिविजन को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके बाद यह प्रतियोगिता राज्य स्तर पर आयोजित की जाएगी।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 12:35 PM (IST)
सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट वाली विद्युत वितरण डिविजन होगी पुरस्कृत
सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट वाली विद्युत वितरण डिविजन होगी पुरस्कृत

देहरादून, जेएनएन। राजधानी दून में सबसे ज्यादा बिजली बिलों का डिजिटल भुगतान लेने वाले विद्युत वितरण डिविजन को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके बाद यह प्रतियोगिता राज्य स्तर पर आयोजित की जाएगी। ऊर्जा प्रबंधन ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए यह योजना प्रस्तावित की है।

loksabha election banner

उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड ने राजधानी दून के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत वितरण डिविजनों में बिल जमा करने के कैश काउंटर में 66 स्वाइप मशीन लगाई हैं। इन मशीनों के माध्यम से उपभोक्ता डेबिट-क्रेडिट कार्ड से बिजली बिल का भुगतान कर सकते हैं। 

इससे उपभोक्ताओं को कई सुविधा मिल रही है। साथ ही यूपीसीएल को भी तुरंत भुगतान प्राप्त हो रहा है। अब यूपीसीएल प्रबंधन ने कैश लैस सिस्टम और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बेस्ट डिविजन को पुरस्कृत करने की तैयारी की है। इस बाबत दून की सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की डिविजनों में लिए डिजिटल भुगतान का सालाना रिकार्ड देखा जाएगा। 

इस संबंध में यूपीसीए के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्र ने बताया कि सबसे ज्यादा डिजिटल भुगतान लेने वाली डिविजन को पुरस्कृत किया जाएगा। इसको जिला से प्रदेश स्तर पर ले जाने की कोशिश की जाएगी। 

डिजिटल पेमेंट के फायदे  

- उपभोक्ता सुबह से शाम तक किसी भी समय कर सकते हैं बिल जमा।

- उपभोक्ता किसी भी डिविजन का बिल किसी भी कैश काउंटर में कर सकते हैं जमा।

- ऑन लाइन रुपये जमा होने से बैंक में नकदी जमा करने का झंझट समाप्त होगा। 

- चेकिंग के दौरान भी स्वाइप मशीन ले जाने से तुरंत भुगतान लेने में सक्षम, निगम के राजस्व में होगी वृद्धि।   

- सीधे बैंक खाते में रुपया जमा होने से पारदर्शिता बढ़ेगी।  

तीन साल में दी गई बिजली का रिकार्ड हाईकोर्ट को सौंपा

ऊर्जा निगम कर्मचारियों को पिछले तीन सालों में आपूर्ति की गई बिजली का रिकार्ड और रियायती दरों में की गई वृद्धि का तैयार ब्योरा हाई कोर्ट में दाखिल कर दिया है। 

विदित हो कि हाई कोर्ट ने ऊर्जा निगम कर्मियों को रियायती दरों पर मिलने वाली बिजली के मामले में पावर कार्पोरेशन के अधिकारियों को तलब किया था और उनसे इस संबंध में डाटा मांगा था। यूपीसीएल ने ऊर्जा के तीनों निगम पिटकुल, यूपीसीएल, यूजेवीएनएल के 7,675 कर्मचारियों और पेंशनर्स को पिछले तीन सालों में आपूर्ति की गई बिजली का ब्योरा हाई कोर्ट सौंपा है।

यह भी पढ़ें: ऊर्जा कार्मिकों के लिए महंगी होगी बिजली, सीमा भी होगी तय

इसके साथ ही ऊर्जा कार्मिकों को संशोधित दरों पर दी जाने वाली बिजली का ब्योरा बनाकर भी दिया है। इस रिपोर्ट में चतुर्थ से प्रथम श्रेणी तक के अधिकारियों को न्यूनतम मासिक शुल्क, साल में दी जाने वाली बिजली का अलग-अलग ब्योरा दिया गया है। प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देशानुसार ऊर्जा कार्मिकों को दी जाने वाली बिजली और कर्मियों को पिछले तीन सालों में दी गई बिजली का ब्योरा भेज दिया है। 

यह भी पढ़ें: अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड से करें बिजली बिल का भुगतान, पढ़िए पूरी खबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.