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ऊर्जा निगम के सहायक अभियंताओं ने उठाए वरिष्ठता सूची पर सवाल

ऊर्जा निगम के सहायक अभियंताओं ने वरिष्ठता सूची पर सवाल उठाते हुए संशोधन की मांग की है। साथ ही अधिशासी अभियंताओं के रिक्त पदों पर पदोन्नति को लेकर आवाज बुलंद की है। इस संबंध में एसोसिएशन की ओर से आनलाइन बैठक आयोजित की गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 04:23 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 04:23 PM (IST)
ऊर्जा निगम के सहायक अभियंताओं ने उठाए वरिष्ठता सूची पर सवाल
ऊर्जा निगम के सहायक अभियंताओं ने वरिष्ठता सूची पर सवाल उठाते हुए संशोधन की मांग की है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। ऊर्जा निगम के सहायक अभियंताओं ने वरिष्ठता सूची पर सवाल उठाते हुए संशोधन की मांग की है। साथ ही अधिशासी अभियंताओं के रिक्त पदों पर पदोन्नति को लेकर आवाज बुलंद की है।

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रविवार को उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन की ओर से आनलाइन बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष केडी जोशी व संचालन महासचिव संदीप शर्मा ने किया। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम में सहायक अभियंताओं की वरिष्ठता सूची न्यायालय में मार्च 2018 को जमा की गई थी और जिसके आधार पर 2018 में पदोन्नतियां की गईं। वर्ष 2008-09 के 40 सहायक अभियंताओं की वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए वर्ष 2010-11 के सहायक अभियंताओं को अधिशासी अभियंता के पद का प्रभार दिया गया, जो कि सरासर अन्याय है।

पिछले कई माह से अवर अभियंता संवर्ग व अभियंता संवर्ग लगातार निगम प्रबंधन से मांग करता आ रहा है कि सहायक अभियंताओं की वरिष्ठता सूची के आधार पर नियमित पदोन्नतियां की जाएं। ऐसे में 2017 से अनंतिम वरिष्ठता सूची पर सभी प्रभावित सहायक अभियंताओं के प्रत्यावेदनों का निस्तारण करने के स्थान पर अनंतिम वरिष्ठता सूची में शामिल कनिष्ठ सहायक अभियंताओं को अधिशासी अभियंता का प्रभार आचार संहिता से एकदम पूर्व आनन-फानन दिया जाना प्रबंधन की मंशा पर सवाल खड़े करता है। प्रबंधन के इस रवैये की एसोसिएशन निंदा करता है। बैठक में सुनील पोखरियाल, मनोज कंसल, अंजीव राणा, शशिकांत, मनोज प्रकाश रावत, सौरभ चमोली, नरेंद्र नेगी, अजय कुमार आदि उपस्थित थे।

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दून में सार्वजनिक सभा व जुलूस पर प्रतिबंध

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने जिले में धारा-144 लागू कर दी है। इसके तहत विभिन्न प्रतिबंध लागू किए गए हैं। जिलाधिकारी के आदेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक सभा का आयोजन नहीं करेगा और जुलूस/रैली पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

रविवार को जारी आदेश में कहा गया कि कोई भी व्यक्ति समुदाय विशेष की भावनाएं भड़काने व आपसी वैमनस्यता की भावना उत्पन्न करने वाले बयान अथवा भाषण नहीं देगा। इसके अलावा चुनाव संबंधी प्रचार-प्रसार से पहले संबंधित रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) से अनुमति लेनी अनिवार्य होगी। वहीं, सुरक्षा के कारण व विशेष परिस्थितियों के अलावा कोई भी व्यक्ति तीन वाहनों से अधिक का काफिला लेकर नहीं चलेगा। आदेश में यह भी कहा गया कि 13 व 14 फरवरी को किसी भी तरह का प्रचार इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से नहीं किया जाएगा। प्रिंट मीडिया में प्रचार की अनुमति होगी, लेकिन उससे पहले संबंधित समिति की अनुमति प्राप्त करनी होगी।


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