Bird flu in Uttarakhand: उत्तराखंड में निरंतर निगरानी में रहेंगे पोल्ट्री फार्म
Bird flu in Uttarakhand मंगलवार को बर्ड फ्लू की स्थिति को लेकर विधानसभा में हुई समीक्षा बैठक में पशुपालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पोल्ट्री फार्मों की निगरानी के मामले में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Bird flu in Uttarakhand उत्तराखंड में पोल्ट्री सेक्टर भले ही अभी तक बर्ड फ्लू की आंच से सुरक्षित हो, मगर सरकार इस मामले में कोई भी ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। मंगलवार को बर्ड फ्लू की स्थिति को लेकर विधानसभा में हुई समीक्षा बैठक में पशुपालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पोल्ट्री फार्मों की निगरानी के मामले में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जनजागरण के मद्देनजर पोल्ट्री सेक्टर के किसानों, वैज्ञानिकों व विषय विशेषज्ञों के साथ 14 जनवरी को देहरादून में संगोष्ठी का आयोजन कराया जाए। जागरूकता के लिए एडवाइजरी, पैंफलेट और सोशल मीडिया का उपयोग भी किया जाए।
बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में राज्यमंत्री आर्य ने कहा कि बर्ड फ्लू से डरने अथवा घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। इसी के दृष्टिगत जनजागरण पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पोल्ट्री सेक्टर में कहीं भी बर्ड फ्लू नहीं पाया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी पोल्ट्री फार्मों को निगरानी में रखा गया है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मुर्गियों समेत अन्य पालतू पक्षियों में किसी भी प्रकार की बीमारी अथवा संक्रमण के लक्षण नजर आने पर सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे जाएं। ऐसे पक्षियों को स्वस्थ के साथ न रखने को भी कहा गया है।
857 मुर्गियों की हो चुकी मौत
पशुपालन राज्यमंत्री के अनुसार राज्य में पोल्ट्री फार्मों में हालिया दिनों में 857 मुर्गियों की मौत हुई, लेकिन इसका कारण प्राकृतिक था। कुमाऊं में 357 और गढ़वाल मंडल में 400 मुर्गियों की मौत हुई। उन्होंने बताया कि इन सभी मामलों में सैंपल जांच के लिए इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट का इंतजार है।
कार्मिकों को दी जाएगी पीपीई किट
पशुपालन राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि बर्ड फ्लू के मद्देनजर ड्यूटी में लगे कार्मिकों को पीपीई किट मुहैया कराई जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पीपीई किट के लिए शासन से आकस्मिक निधि से 10 लाख रुपये की मांग कर ली जाए।