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Citizenship Amendment Act: सीएए के विरोध में उतरे कई संगठन, मोदी सरकार पर लगाए आरोप

गुरुवार को सीपीआइ सीपीएम सीपीआइ (एमएल) सपा बसपा पीपुल्स फोरम और महिला मंच ने गांधी पार्क गेट के समक्ष सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 06:07 PM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 06:07 PM (IST)
Citizenship Amendment Act: सीएए के विरोध में उतरे कई संगठन, मोदी सरकार पर लगाए आरोप
Citizenship Amendment Act: सीएए के विरोध में उतरे कई संगठन, मोदी सरकार पर लगाए आरोप

देहरादून, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध जारी है। गुरुवार को सीपीआइ, सीपीएम, सीपीआइ (एमएल), सपा, बसपा, पीपुल्स फोरम और महिला मंच ने गांधी पार्क गेट के समक्ष सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया। इसके बाद जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा गया। 

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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मोदी सरकार एक के बाद एक जनविरोधी फैसले ले रही है। वहीं विरोध कर रहे लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जामिया, पुदुचेरी, अलीगढ़, लखनऊ आदि कई विश्वविद्यालयों में लाठीचार्ज तथा असम में आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाना निंदनीय है। इसका पुरजोर विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून में नागरिकता की शर्त में सांप्रदायिक आधार को जोड़ना संविधान की मूल भावना के साथ ही जनतांत्रिक और धर्म निरपेक्षता की भावनाओं के विपरीत है।

यह कानून केवल मुसलमानों को छोड़ हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता देता है। कानून पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में हिंदू शरणार्थियों को तो नागरिकता देने की बात करता है, वहीं अन्य शरणार्थियों से भेदभाव करता है। उत्तरी पूर्वी राज्यों में कानून से आम जन के मध्य अपनी पहचान बचाए रखने का डर पैदा हो गया है। 

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार ने सुनियोजित ढंग से सीएए और एनआरसी का दुरुपयोग करेगी, वह गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देगी। वहीं मुस्लिम शरणार्थियों को घुसपैठिया ठहराया जाएगा। उन्होंने अपील की है कि देश के व्यापक हित में संविधान के संरक्षक होने के नाते सीएए को निरस्त किया जाए। 

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आइआइटी रुड़की में सुरक्षा बढ़ाई 

देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर चल रहे बवाल के बीच रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी)में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में शाम पांच बजे के बाद परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। हालांकि संस्थान का सुरक्षा विभाग नई व्यवस्था के बारे में कुछ कहने से बच रहा है। 

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दअरसल, इस मुद्दे पर आइआइटी के छात्र दो धड़ों में बंटे हुए हैं। एक धड़े ने सीएए का विरोध करते हुए दिल्ली जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के समर्थन में रैली निकालकर प्रदर्शन किया तो दूसरे धड़े के छात्रों ने सीएए के समर्थन में रैली निकाली। इसके बाद से आइआइटी का सुरक्षा विभाग सतर्क है। सुरक्षा व्यवस्था चौकस करने के साथ कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। शाम पांच बजे के बाद बाहरी लोगों को परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा। प्रवेश के लिए संबंधित व्यक्ति को ठोस कारण बताना होगा। 

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