लोकसभा चुनाव: महिलाओं के बढ़े मतदान को लेकर अपने-अपने दावे
मतदान में महिलाओं की बड़ी भागीदारी की सियासी दलों ने अपने-अपने हिसाब से व्याख्या शुरू कर दी है।
By Edited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 01:31 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में पांचों सीटों पर मतदान में महिलाओं की बड़ी भागीदारी की सियासी दलों ने अपने-अपने हिसाब से व्याख्या शुरू कर दी है। कांग्रेस ने दावा किया कि मातृशक्ति इस बार बदलाव का मन बनाकर मतदान कर चुकी है। इससे ये साफ हो गया है कि अब जुमलों और राष्ट्रवाद के नाम पर मतदाताओं को भरमाया नहीं जा सकता। वहीं भाजपा का कहना है कि महिलाओं समेत सभी मतदाताओं ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों के पक्ष में मतदान किया है।
प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों के तहत 70 विधानसभा क्षेत्रों से मतदान के अंतिम आंकड़ों ने सियासी दलों के माथे पर बल डाल दिए हैं। वर्ष 2014 की तर्ज पर इस बार भी महिलाएं मतदान में आगे रही हैं। इस बार पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया है। अब इस मत व्यवहार को लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने दावे कर रहे हैं। कांग्रेस इसे बदलाव का परिचायक करार दे रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा हर चुनाव में नए जुमले गढ़कर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करती है। इस बार भी राष्ट्रवाद के नाम पर जनता का ध्यान पिछले चुनावी वायदों से हटाने को जोड़तोड़ किया गया, लेकिन मतदाता ने सरकार के खिलाफ मन बनाकर मतदान किया। वहीं लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहने से भाजपा अधिक उत्साहित है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला ने कहा कि केंद्र सरकार की उज्जवला, आयुष्मान भारत जैसी तमाम योजनाओं के साथ ही राज्य सरकार के कामकाज पर महिलाओं ने मुहर लगाई है। यही कारण भी है कि इस मर्तबा महिलाओं ने लोस चुनाव में रिकार्ड मतदान किया। उन्होंने दावा किया कि महिलाओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान कर केंद्रीय योजनाओं को सराहा है।
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