उत्तराखंड : जमरानी बांध विस्थापितों के लिए बनाई जाएगी नीति
जमरानी बांध के डूब क्षेत्र में आने वालों के लिए प्रदेश सरकार पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन नीति बनाएगी। इस नीति के अनुसार ही डूब क्षेत्र के प्रभावित निवासियों को राहत दी जाएगी। विधानसभा में भीमताल विधायक रामसिंह कैड़ा ने कहा कि भीमताल विधानसभा के अंतर्गत जमरानी बांध बनने जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के कुमाऊं मंडल में बनने वाले जमरानी बांध के डूब क्षेत्र में आने वालों के लिए प्रदेश सरकार पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन नीति बनाएगी। इस नीति के अनुसार ही डूब क्षेत्र के प्रभावित निवासियों को राहत दी जाएगी। मंगलवार को विधानसभा में भीमताल विधायक रामसिंह कैड़ा ने कहा कि भीमताल विधानसभा के अंतर्गत जमरानी बांध बनने जा रहा है। बांध बनने से सैकड़ों परिवारों की जमीन डूब क्षेत्र में आ रही है। इस क्षेत्र के काश्तकारों की जमीन उनके नाम नहीं है। वह इसमें कब्जाधारक हैं। उन्होंने सरकार से कब्जाधारकों को मुआवजा देने के संबंध में जानकारी मांगी। इस पर सरकार की तरफ से सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जमरानी बांध परियोजना से होने वाले असर को लेकर विस्तृत अध्ययन पूर्ण किया जा चुका है। अब सरकार पुनर्वास नीति बनाएगी।
इस पर विधायक ने सरकार ने इन कब्जाधारकों को मालिकाना हक देने की मांग सरकार से की। इस दौरान उन्होंने भीमताल बांध का मसला उठाते हुए कहा कि भीमताल झील में बने बांध को 100 साल से अधिक हो चुके हैं। बांध कमजोर हो गया है। इससे आसपास रहने वालों पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने सरकार से बांध की सुरक्षा करने की भी मांग की।
ढेला व फीका नदी पर तटबंध बनाने को फिर भेजा जाएगा प्रस्ताव
ऊधमसिंह नगर की ढेला व फीका नदियों पर तटबंध बनाने का प्रस्ताव फिर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। विधायक आदेश चौहान द्वार उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि इन दोनों नदियों के किनारों में रामनगर, काशीपुर व जसपुर में बाढ़ सुरक्षा व कटाव रोकने के लिए 88.56 करोड़ रुपये की योजना बना कर स्वीकृति के लिए गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (जीएफसीसी) को भेजी गई थी। यह मामला जीएफसीसी में लंबित होने के कारण और वर्तमान जरूरत के मुताबिक इसे फिर से संशोधित किया जा रहा है।
कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण नहीं हो पा रहा जसपुर बस अड्डे का काम
जसपुर बस अड्डे का निर्माण अभी कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण नहीं हो पा रहा है। परिवहन निगम ने अस्थायी अव्यवस्था के तहत जसपुर में एक बस स्टाप का निर्माण किया है। यहां यात्रियों के आने व जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। विधायक आदेश चौहान के सवाल का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने बताया कि इस जसपुर में बस अड्डा बनाने के लिए नगर पालिका की जमीन चिह्नित की गई है। परिवहन निगम ने माली हालात का हवाला देते हुए इस जमीन को मुफ्त देने का अनुरोध किया है। अभी भूमि का मामला कोर्ट में चल रहा है इस कारण इसे परिवहन निगम को हस्तांतरित किया जाना संभव नहीं है। इसके के चलते बस अड्डे निर्माण में देरी हो रही है।
रानीखेत में जल्द बनेगा एआरटीओ कार्यालय
रानीखेत में जल्द ही परिवहन विभाग का एआरटीओ कार्यालय खोला जाएगा। इसके लिए विभाग परिसर की खोज कर रहा है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कांग्रेस नेता व उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा के सवाल पर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रामनगर व रानीखेत में एआरटीओ कार्यालय खोलने के आदेश दिए गए थे। रामनगर में काम शुरू हो चुका है। रानीखेत कार्यालय के लिए कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। रानीखेत कार्यालय अभी आरटीओ कार्यालय अल्मोड़ा से चल रहा है।
प्रदेश के 42 में से 36 कस्बों में परिवहन निगम की सेवाएं
प्रदेश के कुल 42 कस्बों में से 36 में परिवहन निगम अपनी सेवाएं दे रहा है। वहीं, सुदूर पर्वतीय जिलों से देहरादून, रुड़की, हल्द्वानी, नैनीताल व दिल्ली के लिए 310 बसों का संचालन किया जा रहा है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कांग्रेस विधायक मनोज रावत के सवाल पर कहा कि अभी उत्तराखंड परिवहन निगम में छोटी बसें सीमित संख्या में हैं। इस कारण वर्तमान में पर्वतीय जिलों में नई सेवाएं देना संभव नहीं हो पा रहा है। बसें मिलने पर सुदूर कस्बों तक परिवहन निगम की बस सेवाओं का संचालन किया जाएगा।
2317 लोक कलाकारों को मानदेय
प्रदेश सरकार कोरोनाकाल में अभी तक 2317 लोक कलाकारों को मानदेय दे चुकी है। संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार के सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया संस्कृति विभाग में 6675 लोक कलाकारों व ढोल वादक पंजीकृत हैं। पहले उन्हें एक हजार की सहायता अनुमन्य की गई थी। अब इसे बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दिया गया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि प्रदेश में पंजीकृत फोटोग्राफर, ड्राइवर, विद्युत कर्मियों आदि को भी दो हजार की आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा रही है। वहीं 584 रिवर गाइड एवं अन्य कर्मियों को गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति के पास उपलब्ध धनराशि में से पांच-पांच हजार की सहायता की गई है।
विपक्ष ने पूछा शिक्षा में एक क्षेत्र दुर्गम तो तकनीकी शिक्षा में वही सुगम क्यों
प्रदेश के लोहाघाट, चंपावत, पौड़ी को शिक्षा विभाग ने दुर्गम क्षेत्र निर्धारित किया है। वहीं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इन तीनों स्थानों के पॉलीटेक्निक संस्थाओं को सुगम माना है। कोटाबाग नैनीताल व भलस्वगाज हरिद्वार को दुर्गम क्षेत्र में जोड़ा गया है। कांग्रेस विधायक मनोज रावत द्वारा इसे विसंगति बताते हुए इस संबंध में तकनीकि शिक्षा मंत्री से जवाब मांगा गया। संसदीय कार्य मंत्री का दायित्व निभा रहे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि इस संबंध में कोर्ट के निर्णय के अनुसार तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसका परीक्षण कराया था। यहां की सुविधाओं के हिसाब से इन्हें सुगम के रूप में परिभाषित किया गया है।
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