कविताओं का लिया आनंद, श्रोता हुए लोट-पोट
जिजीविषा महिला अभिव्यक्ति मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम साहित्य व संस्कृति को समर्पित रहा। इस दौरान काव्य पाठ में हास्य की रसधार बही।
जागरण संवाददाता, देहरादून: जिजीविषा महिला अभिव्यक्ति मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम साहित्य व संस्कृति को समर्पित रहा। काव्य-पाठ में कविताओं के माध्यम से साहित्य की रसधार बही। इस अवसर पर सहित्यकार उमा गुप्ता की ऋग्वेद के रहस्य व अनुभव यात्रा पुस्तक का विमोचन किया गया।
रविवार को बल्लीवाला चौक स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में हुए कार्यक्रम में सर्वप्रथम सरस्वती वंदना की गई। काव्य-पाठ की शुरुआत कवि राकेश जैन ने हास्य कविता 'हाथापाई व्यर्थ है, गर हाथ में डंडा न हो.' से की और श्रोताओं को खूब लोट-पोट किया। इसके बाद शादाब अली ने 'यूं हुआ है खुमार होली में, गा रहे सब मल्हार होली में.', डॉ. शिवमोहन ने 'एख बूंद झूम के फुहार दे गई.', सुबोध वाजपाई ने 'प्यार के गीत गाकर चले जाएंगे.', सतीश बंसल ने 'तन्हाई में नाम हमारा.' महेश्वरी कनेरी ने 'वसुंधरा संवर रही है, उपवन महक रहे हैं.', डॉ. राकेश बलूनी ने 'कवि सम्मेलन में क्या कविता और गीत सुनाऊं.' की प्रस्तुति दी और श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। कवियों ने खूब तालियां भी बटोरी।
मुख्य अतिथि विधायक हरबंस कपूर ने उमा गुप्ता की दो पुस्तकों का विमोचन किया और युवाओं को ऋग्वेद के बारे में जानने को प्रेरित करने के प्रयास को सराहा। संस्था की अध्यक्ष डॉली डबराल ने कहा कि कविताएं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे मजबूत माध्यम है। युवा पीढ़ी को भी कविता एवं साहित्य से जुड़ना चाहिए। इस अवसर पर किसान विकास मोर्चा के उपाध्यक्ष जोगेंद्र सिंह पुंडीर, डॉल्फिन इंस्टीट्यूट के चेयरमैन अरविंद गुप्ता, साहित्यकार असीम शुक्ल, हिदी साहित्य समिति के अध्यक्ष डॉ. रामविनय सिंह व अन्य उपस्थित रहे।