उत्तराखंड में परवान चढ़ेगी पीएम मोदी की ये मुहिम, पढ़िए इस खबर में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण को लेकर शुरू की गई मुहिम उत्तराखंड में भी परवान चढ़ेगी।
देहरादून, केदार दत्त। सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण को लेकर शुरू की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम उत्तराखंड में भी परवान चढ़ेगी। प्रदेश में रोजाना निकलने वाले औसतन 300 टन प्लास्टिक कचरे को संसाधन के रूप में लेकर इसके निस्तारण को कदम बढ़ाए गए हैं। पर्यावरण के लिए चुनौती बने प्लास्टिक कचरे से अब न सिर्फ शहर और गांव मुक्त होंगे, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
प्लास्टिक कचरा उत्तराखंड में भी एक बड़ी समस्या के रूप मे उभरा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनुमान है कि राज्य के शहरों व गांवों से प्रतिदिन औसतन तीन सौ टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। ऐसे में इसके निस्तारण को प्रभावी कदम जरूरी हैं। इस बीच प्रधानमंत्री ने सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण के लिए मुहिम शुरू की तो राज्य ने भी इस दिशा में पहल की है।
सरकार ने प्लास्टिक कचरे को संसाधन के रूप में लिया है, ताकि इसके निदान के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिल सके। इस कड़ी में देहरादून में प्लास्टिक कचरे से डीजल, पेट्रोल बनाने की मुहिम चल रही है तो रुड़की, ऊधमसिंहनगर में इस वर्ष प्लास्टिक कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र अस्तित्व में आने की उम्मीद है। साथ ही सभी नगर निकायों में कचरे का पृथक्कीकरण हो रहा है।
न सिर्फ शहर बल्कि गांवों को भी केंद्र के सहयोग से प्लास्टिक कचरा मुक्त करने की पहल चल रही है। अपर सचिव पंचायतीराज एचसी सेमवाल बताते हैं कि पहले चरण में सभी 95 ब्लाकों के एक-एक गांव में कांपेक्टर लगाने के साथ ही प्लास्टिक कचरे के एकत्रीकरण को शेड बनाए जा रहे हैं। हरिद्वार में रिसाइक्लिंग प्लांट को भूमि चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। गांवों में महिला समूहों को प्लास्टिक कचरे के एकत्रीकरण का कार्य सौंपा जाएगा। एकत्रित प्लास्टिक को हरिद्वार प्लांट खरीदेगा। इससे समूहों को न सिर्फ आमदनी होगी, बल्कि गांव प्लास्टिक कचरे से मुक्त होंगे।
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शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि प्लास्टिक कचरे की चुनौती को सरकार ने संसाधन के रूप में लिया है। इससे जहां प्लास्टिक कचरे से निजात मिलेगी, वहीं लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके लिए शहर, गांव सभी जगह कदम उठाए जा रहे हैं।
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