Move to Jagran APP

ज्ञान गंगा : कोरोना महामारी ने महत्वाकांक्षी योजनाओं को जकड़ा बेड़ि‍यों में

कोरोना महामारी ने महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी बेड़ि‍यों में जकड़कर शिक्षा निदेशालय में कैद होने को मजबूर कर दिया है। 200 माध्यमिक विद्यालयों में इस योजना को चलाने के लिए व्यावसायिक पार्टनर से करार किया जा चुका है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 07:57 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 07:57 AM (IST)
ज्ञान गंगा : कोरोना महामारी ने महत्वाकांक्षी योजनाओं को जकड़ा बेड़ि‍यों में
कोरोना की मार की वजह से देहरादून में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में कामकाज प्रभावित हो रखा है।

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। कोरोना महामारी ने महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी बेड़ि‍यों में जकड़कर शिक्षा निदेशालय में कैद होने को मजबूर कर दिया है। 200 माध्यमिक विद्यालयों में इस योजना को चलाने के लिए व्यावसायिक पार्टनर से करार किया जा चुका है। 20 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं का कौशल विकास कर उन्हें भविष्य में रोजगार लिए पैरों पर खड़ा करना योजना का मकसद है। आठ व्यावसायिक विषयों का चयन हो चुका है। उत्तराखंड में यह योजना छह साल से अटकी हुई थी। पिछले साल कोरोना काल ही इस योजना की राह की बाधा हटाने के लिए अवसर साबित हुआ था। इसके बाद सात महीने गुजर चुके हैं, कोरोना की दूसरी लहर ने योजना को अमल में लाने की तैयारी पर अब तक पानी फेरा हुआ है। माध्यमिक कक्षाओं में पढ़ाई के साथ हुनर तराशने की ये योजना भविष्य के लिए गेमचेंजर मानी जा रही है। इससे पलायन को रोकने में मदद मिल सकती है।

loksabha election banner

तबादले को चाहिए रसूख

सरकार का तबादलों को लेकर अपना नजरिया होता है। यह बात अलग है कि तबादलों को लेकर नाहक हो-हल्ला मचता रहता है। बार-बार यही रटंत कि रसूखदारों के तबादले जब चाहे हो जाते हैं, आम शिक्षक के नसीब में इंतजार खत्म नहीं होता। सुगम से लेकर दुर्गम के सारे पेच, तबादला एक्ट आम शिक्षक को वजनदार बनाने के लिए ही तो हैं। वजनदार जो भी होगा, उसमें ठहराव भी दिखेगा। इसीलिए दुर्गम यानी दूरदराज पर्वतीय क्षेत्रों में 20-20 सालों से शिक्षक ठहरे हुए हैं। कोरोना का हवाला देकर सरकार ने तबादलों पर पाबंदी लगा दी है। जाहिर है आम शिक्षकों को जहां हैं तहां हैं, के भाव में थमना ही होगा। अब खास पर मेहरबानी देखिए। पिथौरागढ़ में कार्यरत एक शिक्षिका बड़े आराम से ऊधमसिंह नगर यानी सुगम में पहुंच जाती है। न तबादला एक्ट की जरूरत और न ही एक्ट के अंतर्गत नियम-27 की। तबादला होना था तो हुआ।

बीआरपी, सीआरपी की चाह

समग्र शिक्षा अभियान के तहत उठने वाले कई कदमों को कोरोना ने थाम दिया है। ब्लाक रिसोर्स परसन और क्लस्टर रिसोर्स परसन के 955 पदों पर होने वाली प्रतिनियुक्ति में भी इसी वजह से पेच फंसा है। पिछली दफा इन पदों पर प्रतिनियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी गई थी। यह परीक्षा प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के बीच लंबे समय तक फसाद की वजह बनी रही थी। बीच का रास्ता निकालकर अब लिखित परीक्षा टालने पर सहमति बन चुकी है। इन पदों को मेरिट सूची और इंटरव्यू के आधार पर भरने की पैरवी की गई है। विभाग का यह प्रस्ताव शासन के पास है। कोरोना की वजह से इस संबंध में शासनादेश जारी नहीं हो सका है। ये पद शिक्षक नेताओं की खास पसंद हैं। उन्हें बेसब्री से इंतजार है कि कब कोरोना संकट टले और अपेक्षाकृत सुगम के इन पदों पर तैनाती की राह आसान हो जाए।

अंक देने को मशक्कत

हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त होने के बाद उत्तराखंड बोर्ड को खासी मेहनत करनी पड़ रही है। परीक्षा होने पर उत्तरपुस्तिकाएं परीक्षार्थियों के कौशल को मापने का जरिया रहती हैं। माथापच्ची इस बात पर हो रही है कि बगैर परीक्षा के छात्र-छात्राओं के कौशल और मेहनत को किसतरह परखा जाए, ताकि मेधावियों को नुकसान न उठाना पड़े। कोरोना महामारी की वजह से पिछले सत्र में ज्यादातर समय स्कूल बंद रहे हैं। आनलाइन पढ़ाई का फायदा ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिला। एससीईआरटी का सर्वे यही बताता है। हाईस्कूल में प्री बोर्ड परीक्षा, मासिक टेस्ट, प्रायोगिक परीक्षा को तो परीक्षार्थियों को अंक देने का आधार बनाया ही जा रहा है, आनलाइन और आफलाइन कक्षा में उपस्थिति भी एक पैमाना हो सकती है। इससे पढ़ाई के प्रति छात्र की गंभीरता का अंदाजा लगाया जाएगा। अंक देने के इस गणित में नौवीं कक्षा में प्रदर्शन को भी तवज्जो दी जाएगी।

यह भी पढ़ें-ज्ञान गंगा : कोरोना काल में आहत बचपन की सुध नहीं

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.