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सड़क मार्ग से ऐसे पहुंचे गंगोत्री-यमुनोत्री धाम, यहां ठहरने के लिए हैं ये सुविधाएं

श्रद्धालु हरिद्वार से ऋषिकेश होते हुए सड़क मार्ग से गंगोत्री और युमनोत्री तक पहुंचते हैं। यहां यात्रियों के रहने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम निजी होटल धर्मशालाएं उपलब्ध हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 04:08 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 04:08 PM (IST)
सड़क मार्ग से ऐसे पहुंचे गंगोत्री-यमुनोत्री धाम, यहां ठहरने के लिए हैं ये सुविधाएं
सड़क मार्ग से ऐसे पहुंचे गंगोत्री-यमुनोत्री धाम, यहां ठहरने के लिए हैं ये सुविधाएं

उत्‍तरकाशी, जेएनएन। उत्‍तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में हर वर्ष देश विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा खासी प्रभावित है। भले ही दोनों धामों के कपाट खोलने के शुभ मुहूर्त में कोई भी बदलाव नहीं किया गया। इस बार छह सितंबर तक गंगोत्री और युमनोत्री धाम में करीब साढ़े चार हजार यात्री ही दर्शन को पहुंचे। बीते वर्ष गंगोत्री धाम में 5,08,500 और यमुनोत्री में 4,48,825 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे। श्रद्धालु हरिद्वार से ऋषिकेश होते हुए सड़क मार्ग से इन धामों तक पहुंचते हैं। यहां यात्रियों के रहने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम, निजी होटल और धर्मशालाएं उपलब्ध हैं।

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उत्तराखंड के प्रवेश द्वार हरिद्वार से ऋषिकेश होते हुए सड़क मार्ग से उत्तरकाशी पहुंचते हैं। उत्तरकाशी 100 किलोमीटर सड़क मार्ग से गंगोत्री धाम में पहुंचा जाता है। हरिद्वार तथा ऋषिकेश से गंगोत्री पहुंचने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बस के साथ टीजीएमओ की बसे तथा प्राइवेट कंपनियों की टैक्सी भी उपलब्ध है। 

उत्तराखंड के प्रवेश द्वार हरिद्वार से ऋषिकेश होते हुए सड़क मार्ग से देहरादून मसूरी, बड़कोट होते हुए जानकीचट्टी पहुंचते हैं। जहां से 5 किलोमीटर पैदल यात्रा कर यमुनोत्री धाम पहुंचा जाता है। पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर व डंडी कंडी की भी सुविधा है। हरिद्वार, देहरादून व ऋषिकेश से जानकीचट्टी पहुंचने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बस के साथ टीजीएमओ की बसे तथा प्राइवेट कंपनियों की टैक्सी भी उपलब्ध है।

यात्री सुविधाएं 

गंगोत्री धाम: गंगोत्री धाम में यात्रियों के रहने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम, निजी होटल, धर्मशालाएं उपलब्ध है। इसके अलावा भोजन के लिए गंगोत्री धाम में हर दिन मंदिर समिति की ओर से भंडारे की भी व्यवस्था है साथ ही खाने के होटल व ढाबे भी उपलब्ध है। भले ही इस बार धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। साथ ही भंडारे की व्यवस्था भी बंद है। 

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यमुनोत्री: यमुनोत्री धाम के अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी में गढ़वाल मंडल विकास निगम, निजी होटल व धर्मशालएं रहने के लिए उपलब्ध हैं। यमुनोत्री धाम में निजी होटल तथा हनुमानबाबा की धर्मशाला है। यात्रियों के लिए यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी की सुविधा भी है। खाने के लिए जहां जानकीचट्टी में होटल तथा ढाबे हैं वहीं यमुनोत्री में होटल ढाबा तथा हनुमान बाबा का भंडारा भी चलता है। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी और भंडारे की व्यवस्था बंद है।

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