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दीपावली के बाद अब दून शहर में लगे कूड़े के ढेर Dehradun News

प्रकाश पर्व दीपावली के बाद अब दून शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। शहर में सामान्य दिनों की तुलना में पचास फीसद ज्यादा कूड़ा निकला।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 01:30 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 01:30 PM (IST)
दीपावली के बाद अब दून शहर में लगे कूड़े के ढेर Dehradun News
दीपावली के बाद अब दून शहर में लगे कूड़े के ढेर Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। प्रकाश पर्व दीपावली के बाद अब दून शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। शहर में सामान्य दिनों की तुलना में पचास फीसद ज्यादा कूड़ा निकला। कूड़ा उठाने के लिए नगर निगम से संबद्ध निजी एजेंसी की गाड़ियां रात तक दौड़रहीं हैं। 

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नगर निगम ने भी दिन के बाद तक शहर कूड़ा उठान का कार्य किया। नगर निगम व कंपनी अफसर दिनभर शहर में कूड़े की स्थिति का जायजा लेते रहे। दीपावली के त्योहार के ठीक अगले दिन राजधानी कूड़े के ढेर से अट गई। स्थिति यह रही कि लोगों के घरों के बाहर पटाखों व गिफ्ट पैकिंग का जमकर कूड़ा निकला। 

इसके अलावा शहर के कूड़ेदान भी कूड़े से अटे रहे। सड़कपर आतिशबाजी का कूड़ा बिखरा पड़ा था। सोमवार को महापौर सुनील उनियाल गामा से लेकर नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने शहर का राउंड लिया। इस दौरान अधिकांश क्षेत्रों में पटाखों, गिफ्ट पैकिंग आदि के ढेर लगे हुए थे। अब तक नगर निगम व कंपनी ने मिलकर करीब दो सौ मीट्रिक टन कूड़े का उठान कर लिया था, जबकि करीब डेढ़ सौ मीट्रिक टन कूड़ा अभी भी सड़कों पर ही बिखरा पड़ा है। 

नालियों व पार्कों का बुरा हाल

आतिशबाजी के कूड़े से नालियों और पार्कों का भी बुरा हाल है। हालात ये हो गए कि कूड़े से नालियां चोक हो गईं और सड़क से कूड़ा हटाने में लगे नगर निगम ने इस तरफ झांका तक नहीं। असल में जो कर्मचारी सड़कों पर काम कर रहे थे, उन्हें निर्देश दिए गए थे कि मुख्य सड़कें साफ होनी चाहिए, ताकि मामला शासन तक न पहुंचे। 

ऐसे में नालियों की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। अलबत्ता, पहले तो कूड़ा नाली से निकालकर सड़क पर रखा गया था, वह तक दोबारा नालियों में समा गया। वहीं, पार्कों व मैदान में भी गंदगी का बुरा हाल रहा। चाहे वह गांधी पार्क हो या फिर परेड मैदान। 

24 घंटे में साफ करें शहर: महापौर

आतिशबाजी व अन्य कारणों से शहर में फैले कूड़े को महापौर सुनील उनियाल गामा ने 24 घंटे के भीतर साफ कराने के आदेश दिए हैं। महापौर ने शहर में कईं जगह निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि चाहे अतिरिक्त कार्मिक लगाने पड़ें, लेकिन शहर जल्द साफ करें। 

चिल्ड्रेन पार्क में गंदगी पर भड़के महापौर

अमृत योजना में डेढ़ करोड़ रुपये का बजट खर्च कर गांधी पार्क में बच्चों के लिए बनाए गए चिल्ड्रेन पार्क में गंदगी देख महापौर सुनील उनियाल गामा का पारा चढ़ गया। पार्क में औचक निरीक्षण को गए गामा ने पार्क की जिम्मेदारी देख रही निजी कंपनी के अधिकारियों को जमकर खरीखोटी सुनाई व तत्काल पार्क की सफाई कराने के निर्देश दिए। महापौर ने पार्क में झूलों की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश भी दिए। 

गांधी पार्क पहुंचे महापौर गामा ने पार्क में बन रहे ओपन जिम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कांट्रेक्टर को एक नवंबर तक काम निबटाने का अल्टीमेटम दिया। महापौर ने बताया कि नवंबर के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश के इस पहले ओपन जिम का उद्घाटन करेंगे। 

वहीं, चिल्ड्रेन पार्क में गंदगी पर महापौर ने जिम्मेदारों को चेतावनी दी कि अगर अगली मर्तबा ऐसा हाल मिला तो वे कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे। इस दौरान उन्होंने चिल्ड्रेन पार्क में टॉय-ट्रेन और बच्चों के झूलों की स्थिति भी देखी। अमृत योजना के बजट से बन रहे ओपन जिम को लेकर महापौर ने बताया कि प्रयास किए जा रहे हैं कि दो या तीन नवंबर को इसे आरंभ कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि यह जिम सभी के लिए निश्शुल्क रहेगा। गांधी पार्क में सुबह-शाम सैर-सपाटे के साथ स्वास्थ्य एवं फिटनेस के लिहाज से आमजन ओपन जिम का फायदा भी ले सकेंगे। 

बच्चों संग ट्रेन में घूमे महापौर, बंद पड़ी ट्रेन को आए पैदल

चिल्ड्रेन पार्क में निरीक्षण करते समय महापौर की नजर आसपास खेल रहे कुछ निर्धन बच्चों पर पड़ी। महापौर ने तत्काल बच्चों को बुलाया और टॉय ट्रेन का सफर कराने को कहा। बच्चे भी खुश हो गए और ट्रेन में बैठ गए। महापौर भी बच्चों के साथ ट्रेन की बोगी में बैठ गए, लेकिन इसी बीच कुछ महिलाएं, निगम के कर्मचारी व सुरक्षा कर्मी भी ट्रेन में चढ़ गए। 

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ट्रेन ओवरलोड हो गई और कुछ दूर चलकर बंद हो गई। ट्रेन पायलेट ने ओवरलोड की बात बताई। जिस पर महापौर नीचे उतर गए। उनके साथ नगर निगम कार्मिक भी उतर गए और ट्रेन दोबारा चल पड़ी। हालांकि, इसके कारण महापौर को आधे ट्रैक से पैदल वापस आना पड़ा। बच्चों ने ट्रेन में मुफ्त में सैर कराने के लिए महापौर को थैंक यू कहा।

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