श्रीदेव सुमन विवि कराएगा अगले सत्र से पीएचडी
श्रीदेव सुमन विवि अगले शैक्षिक सत्र से पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू करेगा। विवि के गोपेश्वर कैंपस के लिए राजकीय पीजी कॉलेज की भूमि व भवन का हस्तांतरण होने के बाद विवि प्रशासन उत्साहित है।
देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से पीएचडी करने की उम्मीद बांधे बैठे युवाओं को यह खुशी जल्द मिलने जा रही है। विश्वविद्यालय अगले शैक्षिक सत्र 2018-19 से पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू करेगा। विश्वविद्यालय के गोपेश्वर कैंपस के लिए राजकीय पीजी कॉलेज की भूमि व भवन का हस्तांतरण होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन उत्साहित है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ यूएस रावत ने कहा कि राजकीय डिग्री कॉलेजों के विश्वविद्यालय से जुड़ने के बाद कॉलेजों की नियमित फैकल्टी के अधीन भी पीएचडी कराई जा सकेगी।
यूजीसी के नए प्रावधानों के मुताबिक पीएचडी कराने की व्यवस्था को केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय काफी पहले लागू कर चुका है। अब यूजीसी ने डिग्री शिक्षक बनने के लिए पीएचडी और नेट या यूसेट, दोनों डिग्री होने के प्रावधानों में ढील दी है। पीएचडी या नेट-सेट में से किसी एक की पात्रता वालों को डिग्री शिक्षक बनने का मौका मिल सकेगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय के कई वर्षों बाद यूजीसी के नए प्रावधानों के मुताबिक पीएचडी की सुविधा अब कुमाऊं विश्वविद्यालय ने भी दी है। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने चालू माह में प्री-पीएचडी परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है।
वहीं श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय अभी तक इस व्यवस्था को अंजाम नहीं दे पाया, लेकिन गोपेश्वर में राजकीय पीजी कॉलेज की भूमि और भवन दो दिन पहले विश्वविद्यालय को हस्तांतरित हो चुका है। इससे विश्वविद्यालय के गोपेश्वर कैंपस के जल्द कामकाज शुरू करने की संभावना भी बढ़ी है। विश्वविद्यालय को शिक्षकों के कुल स्वीकृत 86 पदों के जल्द भरने का अनुमान है।
वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने अतिरिक्त 76 शिक्षकों की मांग भी की है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ यूएस रावत ने कहा कि गोपेश्वर कैंपस के काम शुरू करने के साथ ही पीएचडी के लिए भी कदम बढ़ाए जाएंगे, ताकि स्थानीय युवाओं को डिग्री शिक्षक बनने की राह प्रशस्त हो सके।
उन्होंने बताया कि गोपेश्वर कॉलेज में अब उच्च शिक्षा महकमे के स्टाफ को लेकर सेटलमेंट होना शेष है। इसके लिए वहां कार्यरत शिक्षकों से विकल्प लिया जाएगा। इसके बाद अगले सत्र से पीएचडी शुरू कराई जाएगी। विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं को राहत देने को गढ़वाल मंडल में अपने से संबद्ध राजकीय डिग्री कॉलेजों से जुड़ी नियमित फैकल्टी के अधीन भी पीएचडी की अनुमति देगा।
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