एरियर भुगतान पर रोक से फार्मेसिस्ट नाराज
शासन के 31 मार्च तक सभी राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अवशेष का भुगतान अनिवार्य रूप से किए जाने केआदेश के बाद भी स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा फार्मेसिस्टों के एरियर भुगतान पर रोक लगाए जाने से डिप्लोमा फार्मेसिस्ट नाराज हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून : शासन के 31 मार्च तक सभी राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अवशेष का भुगतान अनिवार्य रूप से किए जाने केआदेश के बाद भी स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा फार्मेसिस्टों के एरियर भुगतान पर रोक लगाए जाने से डिप्लोमा फार्मेसिस्ट नाराज हैं। इस मामले को लेकर एसोसिएशन (सेमवाल गुट) से जुड़े फार्मेसिस्टों ने मंगलवार को सचिवालय में वित्त विभाग के उच्चाधिकारियों और स्वास्थ्य महानिदेशालय के वित्त नियंत्रक से मुलाकात की। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारी भी डिप्लोमा फार्मेसिस्टों के साथ मौजूद रहे।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एसपी सेमवाल ने कहा कि स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा दूसरे गुट से वार्ता कर बीती दिसंबर में एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें फार्मेसिस्टों के अवशेष एरियर के भुगतान पर गलत तरीके से रोक लगा दी गई थी। इस आदेश से ऐसे फार्मेसिस्ट प्रभावित हो रहे हैं जिनका वेतन निर्धारण बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा कि जबकि वित्त विभाग ने आदेश दिया है कि सातवें वेतनमान के अवशेष एरियर का भुगतान इसी वित्तीय वर्ष में किया जाना सुनिश्ििचत किया जाए। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए किसी भी प्रकार की देयता न रखी जाए। बावजूद इसकेस्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा फार्मेसिस्टों के एरियर भुगतान पर रोक लगाना वित्त विभाग द्वारा जारी शासनादेश की अवहेलना है। सेमवाल ने कहा कि इस विषय में कार्यसमिति द्वारा महानिदेशालय से अनेक बार पत्राचार किया गया है। लेकिन इसकी सुध नहीं ली जा रही है। सचिवालय के बाद बाद फार्मेसिस्टों का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य महानिदेशालय पहुंचा और वहां पर वित्त नियंत्रक के समक्ष यह मुद्दा रखा। वित्त नियंत्रक ने इस बार पर आश्चर्य जताया कि बिना उनके संज्ञान में लाए महानिदेशालय से फार्मेसिस्टों के सातवें वेतनमान के एरियर भुगतान रोकने के लिए आदेश जारी हो गए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस आदेश को वापस लिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह, दीपक शर्मा, अमित कुमार, संदीप जोशी आदि शामिल रहे।