राज्य विश्वविद्यालयों की रैंकिंग को बनेंगे प्रदर्शन सूचकांक, पढ़िए पूरी खबर
राज्य विश्वविद्यालय अब शिक्षा में गुणात्मक सुधार से कन्नी नहीं काट सकेंगे। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इन विश्वविद्यालयों के लिए परफारमेंस इंडिकेटर्स (प्रदर्शन सूचकांक) आधारित रैंकिंग व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। कुलपतियों की समिति को सूचकांक तैयार करने का जिम्मा सौंपा जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्य विश्वविद्यालय अब शिक्षा में गुणात्मक सुधार से कन्नी नहीं काट सकेंगे। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इन विश्वविद्यालयों के लिए परफारमेंस इंडिकेटर्स (प्रदर्शन सूचकांक) आधारित रैंकिंग व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। कुलपतियों की समिति को सूचकांक तैयार करने का जिम्मा सौंपा जाएगा। इसमें शासन व राजभवन के अधिकारी भी होंगे।
राजभवन में शुक्रवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनने की दिशा में कार्य करना चाहिए। कोविड-19 के दौर में राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों को आनलाइन व आफलाइन दोनों ही तरीकों से कक्षाएं चलाने को सक्षम बनना होगा। विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने आफलाइन और आनलाइन कक्षाओं और परीक्षाओं की जानकारी भी ली।
परीक्षा नियंत्रकों व वित्त नियंत्रकों की नियमित नियुक्ति के निर्देश
राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों में कुलपति और रजिस्ट्रार के मध्य अच्छे तालमेल पर बल दिया। शासन के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि विश्वविद्यालयों की समस्याओं को गंभीरता से लें। बैठक में कई विश्वविद्यालयों में परीक्षा नियंत्रक, वित्त नियंत्रक की नियमित नियुक्ति न होने का मुद्दा भी उठा। राज्यपाल ने इस समस्या का समाधान करने के निर्देश शासन को दिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को पर्वतीय ग्रामीण एवं सीमांत क्षेत्रों के लिए रोजगार सृजन और पलायन की रोकथाम को कार्यक्रम चलाने चाहिए।
पांच व 21 जून को होंगे कार्यक्रम
उन्होंने आगामी पांच जून को पर्यावरण दिवस व 21 जून को विश्व योग दिवस पर विश्वविद्यालयों को सार्थक कार्यक्रम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को पौधरोपण और रोपे गए पौधों की देखभाल को क्रेडिट प्रदान करने की व्यवस्था भी बनानी चाहिए। वर्तमान में कुछ विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था है और कुछ में नहीं है। वर्षा जल संग्रहण के लिए सभी कुलपतियों को जल संरक्षण योजनाएँ बनाने, विभिन्न हितधारकों को इससे जोड़ने को कार्ययोजना बनाने को कहा गया। विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए गांवों में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी उन्होंने ली।
केंद्रीय विवि से असंबद्धता की कार्यवाही शुरू
बैठक में बताया गया कि श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र के अनुदानप्राप्त महाविद्यालयों की केंद्रीय विश्वविद्यालय से असंबद्धता की प्रक्रिया शासन के निर्देशों के मुताबिक प्रारंभ हो गई है। विश्वविद्यालयों को महाविद्यालय एवं संबद्ध संस्थाओं में फैकल्टी की नियुक्ति निर्धारित मानकों के अनुरूप करने के निर्देश दिए गए हैं। पंतनगर विश्वविद्यालय के भवनों के जीर्णोद्धार को बजट की कमी के मामले में कुलपति और वित्त सचिव को समाधान निकालने के निर्देश दिए गए हैं। भरसार विश्वविद्यालय में उपनल से नियुक्त कर्मचारियों के वेतन मद में 17 करोड़ रुपये के सापेक्ष मात्र सात करोड़ रुपये अवमुक्त हुए हैं। उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय को इस मद में सरकार से धनराशि नहीं मिलती है, इस पर उन्हें शासन को एक प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को स्वयं के आर्थिक संसाधन मजबूत करने के भी निर्देश दिए।
डिग्री शिक्षकों के 250 पदों पर जल्द नियुक्ति
उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आंनद वर्द्धन ने बताया कि राज्य के 106 महाविद्यालयों में केवल चार के पास भवन नहीं है। 23 महाविद्यालयों में भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। पिछले वर्षों में डिग्री शिक्षकों के 700 पद लोक सेवा आयोग ने भरे हैं। लगभग 250 पदों का अधियाचन आयोग को भेजा जा रहा है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की पाठ्य सामग्री में प्रयुक्त हिंदी को और अधिक व्यवहारिक तथा सरल करने का सुझाव भी दिया। आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुनील जोशी ने कोविड-19 से लड़ने को विकसित किए गए विभिन्न आयुर्वेदिक उपायों, काढ़ों, विशेष मास्क इत्यादि की जानकारी दी।
इस अवसर पर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार, पौड़ी गढ़वाल की किसान डायरी का विमोचन भी किया गया। बैठक में राज्यपाल के सचिव बृजेश कुमार संत, शासन और उच्च शिक्षा विभाग के आला अधिकारी एवं कुलपति उपस्थित थे।
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