सादगी और परंपरागत रूप से मनाया गया विजयदशमी पर्व
जागरण संवाददाता ऋषिकेश असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक विजयदशमी पर्व को तीर्थनगरी में सादगी और परंपरागत रूप से मनाया गया। कोरोनाकाल को देखते हुए सभी जगह भीड़ कम रही।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक विजयदशमी पर्व को तीर्थनगरी में सादगी और परंपरागत रूप से मनाया गया। कोरोनाकाल को देखते हुए सभी जगह भीड़ कम रही। कई दंपतियों ने गंगा तट पर बच्चों का मुंडन संस्कार कराया। श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।
विजयदशमी के मौके पर त्रिवेणी घाट सहित मुनिकीरेती लक्ष्मण झूला और स्वर्ग आश्रम गंगा तट पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इन श्रद्धालुओं में स्थानीय नागरिकों की संख्या अधिक रही। त्रिवेणी घाट में कई दंपतियों ने अपने बच्चों का मुंडन संस्कार संपन्न कराया।
सार्वजनिक श्री दुर्गा पूजा समिति तपोवन मुनिकीरेती ने बीते गुरुवार से दुर्गा पूजा शुरू की है। दुर्गोत्सव में नित्य विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा अर्चना की गई। अष्टमी एवं नवमी को महाभोग वितरण किया गया। साथ ही नित्य संध्या आरती,पारम्परिक धुनुची नाच एवं महिलाओं द्वारा गरबा भी खेला गया। पांच दिवसीय दुर्गोत्सव में बंगाल की संस्कृति को उत्तराखंड में दिखाने का प्रयास गया। सभी स्थानीय नागरिकों ने बंगाल की पारम्परिक पूजा में प्रतिभाग किया। रविवार को क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए विशेष हवन किया गया। कार्यक्रम संयोजक शंकर राय ने बताया कि सोमवार को मां दुर्गा का वरन होगा एवं सुहागिन महिलाओं द्वारा सुहाग के मंगल कामना हेतु सिदूर खेला होगा तत्पश्चात गंगा में मां की मूर्ति का विसर्जन होगा।
सार्वजनिक श्री दुर्गा पूजा समिति चंद्रेश्वर नगर के द्वारा 31वां श्री दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है। रविवार को महानवमी पूजन का आयोजन किया गया। संध्या के वक्त हवन पूजन हुआ यहां भी सोमवार को गंगा में माता की मूर्ति का विसर्जन होगा। पूजन में कार्यक्रम संयोजक दीनदयाल राजभर, सुदर्शन यादव, गोरखनाथ राजभर, उमेश राजभर, विजय चौहान, प्रेमचंद राजभर, गिरीश चंद्र राजभर आदि शामिल रहे।
विस अध्यक्ष ने की गंगा तट पर पूजा अर्चना
विजयदशमी पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने अपने ऋषिकेश स्थित निजी आवास पर सपरिवार क्षेत्र एवं प्रदेश की खुशहाली के लिए पूजा अर्चना एवं हवन कर मां गंगा आरती भी की। इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा है कि विजयदशमी पर्व के दिन भारतीय संस्कृति में पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन घरों में शस्त्रों की पूजा भी की जाती है। कोरोना संक्रमण के कारण बड़े स्तर पर दशहरे पर्व के आयोजन नहीं किए जा रहे हैं ऐसे में स्वयं के परिवार की सुख, शांति एवं प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि के लिए सभी लोग अपने घरों में पूजा अर्चना कर विजयदशमी के पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाए।