कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के निशाने पर सरकार, दागे ये सवाल
मंगलौर से विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने भराड़ीसैंण विधानभवन को कोविड सेंटर बनाने को लेकर सरकार पर हमला बोला है।
By Edited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:49 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 02:20 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। हरिद्वार जिले के मंगलौर से विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने भराड़ीसैंण विधानभवन को कोविड सेंटर बनाने को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने विधानसभा भवन से अन्य स्थान पर सत्र के आयोजन को संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा के विपरीत करार दिया। विधायक काजी निजामुद्दीन ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा है।
पत्र में उन्होंने भराड़ीसैंण स्थित विधानभवन को कोविड सेंटर बनाने पर उन्होंने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि विधानभवन में कोविड सेंटर बनाने की स्थिति में ग्रीष्मकालीन गतिविधियां वहां कैसे संचालित हो पाएंगी। काजी निजामुद्दीन ने सरकार से पूछा कि कोरोना केंद्रों के लिए भवन कम पड़ने की स्थिति में नैनीताल स्थित राजभवन, पौड़ी स्थित मंडलायुक्त कार्यालय और आवास समेत कई भवनों में ये केंद्र क्यों नहीं बनाए गए।
उन्होंने विधानसभा सत्र सुरक्षित शारीरिक दूरी के नाम पर किसी अन्य भवन में आहूत करने का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि विधान सभा, संसद, सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय जैसी संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा होती है। इन संस्थाओं की कार्यवाही किसी अन्य स्थान पर नहीं की जा सकती। उन्होंने एक जिले के सभागार में जिला योजना की बैठक में विधायक, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक आहूत करने पर भी सवाल दागे।
23 सितंबर से शुरू होगा विधानसभा का मानसून सत्र
23 सितंबर से आरंभ होने वाला विधानसभा का मानसून सत्र अब विधानभवन के सभामंडप में ही होगा। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने साफ किया कि सभामंडप में ही सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानक समेत कोविड की गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पत्रकार, दर्शक और अधिकारी दीर्घा तक सभामंडप का विस्तार किया गया है। विधानसभा के 107 नंबर कक्ष में भी विधायकों के बैठने की व्यवस्था होगी, जहां से वे वर्चुअली सत्र से जुड़ेंगे। इस बीच विधानसभा की ओर से सभी विधायकों को पत्र भेजकर उनसे सत्र की कार्यवाही से वर्चुअली जुड़ने के संबंध में 21 सितंबर तक सहमति देने का आग्रह किया गया है।
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