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BJP MLA Case: आइजी ने दून पुलिस से हटाई भाजपा विधायक प्रकरण की जांच, जानिए पूरा मामला

BJP MLA Case द्वाराहाट विधायक नेगी पर महिला की ओर से लगाए दुष्कर्म और विधायक की पत्नी की ओर से महिला पर लगाए ब्लैकमेलिंग के मामले में नया मोड़ आ गया। इस प्रकरण में आइजी रेंज कार्यालय ने हस्तक्षेप करते हुए जांच पौड़ी जिले को ट्रांसफर कर दी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 05:14 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 10:23 PM (IST)
BJP MLA Case: आइजी ने दून पुलिस से हटाई भाजपा विधायक प्रकरण की जांच, जानिए पूरा मामला
विधायक नेगी मामले में नया मोड़, अब पौड़ी पुलिस करेगी मामले की जांच।

देहरादून, जेएनएन।  BJP MLA Case अल्मोड़ा के द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी प्रकरण की जांच में नया मोड़ आ गया है। महिला की ओर से दून पुलिस की कार्यशैली पर उठाए गए सवालों के बाद गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) अभिनव कुमार ने मामले से जुड़े दोनों मुकदमों की जांच दून पुलिस से हटाकर पौड़ी जिले में श्रीनगर की थानाध्यक्ष दीक्षा सैनी को सौंप दी है। इतना ही नहीं, महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग प्रकरण की जांच के बाद तैयार आरोप पत्र की फिर से समीक्षा की जा रही है। आइजी ने कहा कि जांच में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया।

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13 अगस्त को विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता ने देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि द्वाराहाट में उनके पड़ोस में रहने वाली एक महिला विधायक को ब्लैकमेल कर रही है। महिला ने उनसे पांच करोड़ रुपये की मांग की थी। मांग पूरी न करने पर विधायक को दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। पुलिस ने इस मामले में महिला सहित चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। पुलिस ने पिछले दिनों इस प्रकरण की जांच कर आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया था। आइजी के आदेशों के बाद यह आरोप पत्र वापस ले लिया गया है। इस मामले की फिर से जांच की जाएगी। इसके अलावा महिला ने भी विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया और दावा किया कि उनसे एक बेटी भी है। उन्होंने पुलिस को इस आशय की तहरीर सौंपी, लेकिन लंबे समय तक पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। बाद में कोर्ट के आदेश पर पुलिस हरकत में आई और मामला दर्ज किया गया। 

जांच अफसरों में थी तालमेल की कमी

आइजी अभिनव कुमार ने बताया कि महिला की ओर से विधायक पर लगाए दुष्कर्म के आरोप की जांच गहनता से की जाएगी। विधिक राय लेने के बाद महिला की बेटी का डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा। पहले दोनों मुकदमों की जांच अलग-अलग जांच अधिकारी कर रहे थे। दोनों के बीच तालमेल की कमी थी। यही वजह रही कि एक मामले में आरोपपत्र तैयार कर दिया, जबकि दूसरे की जांच अब भी जारी है। अब एक ही अधिकारी को दोनों जांच सौंपी गई हैं। 

जांच से संतुष्ट नहीं महिला 

विधायक पर आरोप लगाने वाली महिला पहले से ही जांच पर सवाल उठा रही थी। इसलिए पहले मामले की जांच नेहरू कॉलोनी पुलिस को सौंपी गई। इसके बाद विशेष जांच शाखा (एसआइएस) को यह जिम्मेदारी दी गई। एसआइएस की जांच अधिकारी पर भी महिला ने सवाल उठाए। महिला सीबीआइ जांच की मांग कर रही है। 

डीआइजी के अनुरोध पर शिफ्ट की जांच

आइजी अभिनव कुमार ने बताया कि डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने 17 सितंबर को उन्हें एक पत्र भेजा। इसमें अनुरोध किया कि विधायक पर आरोप लगाने वाली महिला पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं है। इसके बाद डीआइजी ने 16 नवंबर को पुन: जांच स्थानांतरित करने का अनुरोध किया। जांच की निष्पक्षता व पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए दोनों विवेचनाएं पौड़ी गढ़वाल स्थानांतरित की गई हैं। 

डीआइजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि मामला संवेदनशील होने के कारण आइजी गढ़वाल से अनुरोध किया गया था कि मामले की जांच किसी और जिले से भी करवाई जाए, ताकि पारदर्शिता को लेकर सवाल न उठें। दो बार आइजी को अनुरोध पत्र भेजा गया था। 

विधायक को बचाने का प्रयास कर रही सरकार

पौड़ी: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार भाजपा विधायक को बचाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार कई प्रपंच रच रही है। भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं। सत्ता पक्ष के विधायक ही महिला अपराधों में लिप्त हैं। ऐसे मे सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है। 

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विधायक प्रकरण: कब क्या हुआ

  • 12 अगस्त: विधायक महेश नेगी की पत्नी ने महिला के खिलाफ नेहरू कॉलोनी में दी थी तहरीर।
  • 13 अगस्त: नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने महिला सहित चार के खिलाफ किया मुकदमा दर्ज।
  • 15 अगस्त: महिला ने विधायक के खिलाफ एसएसपी को दी शिकायत।
  • 4 अक्टूबर: महिला ने विधायक के खिलाफ सीजेएम पंचम कोर्ट में दी एप्लीकेशन।  
  • 5 अक्टूबर: कोर्ट के आदेशों पर नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने विधायक व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
  • 17 अगस्त: डीआइजी ने थाने से हटाकर सीओ सदर को सौंपी मामले की जांच।
  • 21 अगस्त: पुलिस ने विधायक को पूछताछ के लिए बुलाया।
  • 16 नवंबर: सीओ सदर अनुज कुमार ने दायर की याचिका।
  • 17 नवंबर: आइजी गढ़वाल रेंज ने थानाध्यक्ष महिला थाना श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल को सौंपी जांच। 

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