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लॉकडाउन के चलते सादगी से घरों में दीये जलाकर मनाई गई परशुराम जयंती

न्याय के देवता माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्मदिन शनिवार शाम नक्षत्र के तहत सादगी के साथ मनाई गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 03:21 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 03:21 PM (IST)
लॉकडाउन के चलते सादगी से घरों में दीये जलाकर मनाई गई परशुराम जयंती
लॉकडाउन के चलते सादगी से घरों में दीये जलाकर मनाई गई परशुराम जयंती

देहरादून, जेएनएन। न्याय के देवता माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्मदिन शनिवार शाम नक्षत्र के तहत सादगी के साथ मनाई गई। ब्राह्मण समाज महासंघ से जुड़े लोगों ने घरों में रहकर भगवान परशुराम की पूजा की और शाम के समय दीये जलाकर उनका ध्यान किया। भगवान विष्णु के अवतार परशुराम का पृथ्वी पर अवतरण बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था। जो नक्षत्र के अनुसार इस बार शनिवार से शुरू हो गई। इस दिन भक्त व्रत, पूजन के साथ मौन व्रत रखते हैं।

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दून में भगवान परशुराम के जन्मदिन पर झांकियों के साथ भव्य कार्यक्रम किए जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन से सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिये गए। लोगों ने अपने घरों में रहकर ही भगवान परशुराम का जन्मदिन मनाया। उत्तराखंड विद्वत सभा के पदाधिकारियों की पूर्व में की गई अपील के बाद शनिवार को शाम को 7 बजकर 30 मिनट पर विभिन्न क्षेत्रों में लोगों ने घरों में एक, तीन, पांच, सात को संख्या में दिये जलाए। इससे पहले सुबह भगवान परशुराम की प्रतिमा या चित्र की पूजा की गई। उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने बताया कि अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम, नर नारायण व हयग्रीव का जन्मदिन व त्रेता युग का आरम्भ हुआ था।

नर नारायण व हयग्रीव जन्मदिन का पर्व मध्यान्ह काल मे मनाने का विधान है। जो 26 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस बार तृतीया 25 अप्रैल दोपहर के बाद से शुरू हो रही है जो 26 की सुबह तक रहेगी और भगवान परशुराम का जन्मदिन शाम के समय मनाया जाना निर्धारित हुआ। इसके चलते जन्मदिन शनिवार शाम को मनाया गया। उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया पर नर नारायण, परशुराम व हयग्रीव तीनों देवताओं का पंचामृत स्नान, पुष्प से पूजा करने का विधान है। इसमें गौरी, लक्ष्मी और गणोश पूजन भी किया जाता है।

अक्षय तृतीया पर खरीद में असमंजस

कोरोना के कहर का असर स्वर्ण आभूषणों की बिक्री पर भी पड़ा है। अक्षय तृतीय को आभूषणों की खरीद के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है। लेकिन इस बार 26 अप्रैल को पड़ने वाली अक्षय तृतीय पर भी लॉकडाउन रहेगा। जिससे लोग बाजारों में ज्वैलरी की खरीदारी के लिए नहीं आ सकेंगे।

इस दिन सोने की खरीद के लिए लोग वर्ष भर इंतजार करते हैं। लेकिन, इस वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण अक्षय तृतीय पर लोग सोना नहीं खरीद पाएंगे। जिससे आमजन के साथ ही स्वर्णकारों में भी उदासी छाई हुई है। स्वर्णकारों का स्पष्ट कहना है कि बड़ी-बड़ी कंपनियां तो ऑनलाइन अपने प्रोडेक्ट बेच सकती हैं। लेकिन उनके पास ऐसी बड़ी सुविधाएं नहीं हैं। 

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स्वर्णकार अनिल भोला ने बताया कि स्वर्णकारों की दुकानें बंद होने के कारण अभी तक सोना व चांदी की कीमतें भी स्पष्ट नहीं हो पाई हैं, ऐसे में यदि ऑनलाइन बुकिंग की बात सोंचे भी तो किस दर से बुकिंग की जाए, यह बड़ा सवाल है। कहा कि ज्वैलर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यकारिणी से वार्ता चल रही है। प्रांतीय नेतृत्व जो भी तय करेगा, उसी के अनुरूप आगे कदम बढ़ाए जाएंगे।

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