इजराइल की राजदूत रॉनी येडिडिया परिवार के साथ पहुंची परमार्थ निकेतन, कही यह बात
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने देशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली का पर्व हमारी आस्था परंपरा और अटूट विश्वास के साथ उत्साह और उमंग का पर्व है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखते हुए होली मनाएं।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने देशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली का पर्व हमारी आस्था, परंपरा और अटूट विश्वास के साथ उत्साह और उमंग का पर्व है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखते हुए होली मनाएं।
परमार्थ निकेतन में रविवार को शुभारंभ विश्व शांति महायज्ञ के साथ हुआ। इस अवसर पर इजराइल की राजदूत रॉनी येडिडिया ने सपरिवार स्वामी चिदानंद सरस्वती, साध्वी भगवती सरस्वती और परमार्थ गुरुकुल के ऋषि कुमारों के साथ हवन कर विश्व शांति की प्रार्थना की। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि आज हम एक ऐसे समय से गुजर रहे हैं जब दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस का प्रकोप अभी भी जारी हैं, जिससे कई बिलियन डॉलर का व्यापार तक रुक गया है। कोविड-19 महामारी के कारण प्रगतिशील और गतिशील दुनिया में एक ठहराव सा आ गया है, उसके बाद भी भारत और इजराइल के बीच बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग की गति को कोरोना वायरस धीमा नहीं कर सका। दोनों राष्ट्रों ने न केवल इस महामारी को हराने के लिए सहयोग व समन्वय किया, बल्कि जरूरत के समय एक-दूसरे के और निकट आए और सहयोग भी किया। दोनों राष्ट्रों के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंध ऐसे ही बने रहें।
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इजराइल की राजदूत रॉनी येडिडिया ने कहा कि भारत की संस्कृति और संस्कारों के विषय में पढ़ा था परंतु आज उसे और निकट से समझने और जानने का अवसर भी प्राप्त हुआ है। यह समय भारत-इजराइल संबंधों में मजबूती का नया दौर है इजराइल ने भारत में कृषि, सिंचाई और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश किया है। भारत और भारत की संस्कृति वास्तव में बंधुत्व की संस्कृति है।
धूमधाम से मनाया गया होलिका दहन महोत्सव
फाल्गुनी पूर्णिमा पर परमार्थ निकेतन में होलिका दहन का महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर गौ के गोबर के उपलों से होलिका दहन कर पर्यावरण संरक्षण हेतु विशेष आहूतियां अर्पित की गई। होलिका दहन के समय दिव्य मंत्रों की ध्वनि के साथ विश्व शांति की प्रार्थना कर सभी ने विशेष ध्यान (मेडिटेशन) किया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने होली पर्व के आध्यात्मिक महत्व के साथ ही विश्व बन्धुत्व, सादगी, सद्भाव, समरसता, स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि होली एक स्वर्णिम एवं परिवर्तनकारी अवसर है जब हम गाय के गोबर के उपलों से होलिका दहन कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक क्रांति का सूत्रपात कर सकते हैं।
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