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उलझन में माता-पिता, गर्भ में एक ही बच्चा था या दो; जानिए पूरा मामला

एक ही सेंटर की दो अलग-अलग अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ने उलझन पैदा कर दी। एक रिपोर्ट में गर्भ में एक बच्चा तो दूसरी में दो बच्चे बताए गए थे। जबकि जन्म एक ही बच्चे का हुआ।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 03:26 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 03:26 PM (IST)
उलझन में माता-पिता, गर्भ में एक ही बच्चा था या दो; जानिए पूरा मामला
उलझन में माता-पिता, गर्भ में एक ही बच्चा था या दो; जानिए पूरा मामला

देहरादून, जेएनएन। एक गर्भवती की एक ही सेंटर की दो अलग-अलग अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ने अजब उलझन पैदा कर दी है। एक रिपोर्ट में गर्भ में एक बच्चा और दूसरी में दो बच्चे बताए गए थे। महिला की अब डिलीवरी हो चुकी है और एक ही बच्चा हुआ है। पर रिपोर्ट के फेर में महिला के साथ ही उनका पति डॉक्टरों और अल्ट्रासांडड सेंटर के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और पुलिस से गुहार लगाई है। 

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जानकारी के अनुसार देहरादून निवासी इमरान की पत्नी सादिया (31 वर्ष) का उपचार क्लेमेनटाउन की एक स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ से चल रहा था। गर्भधारण के 14वें सप्ताह में उसने एक निजी सेंटर से अल्ट्रासाउंड करवाया। जिसमें सिंगल लाइव फीटस की रिपोर्ट दी गई है, जबकि इसी केंद्र से 24वें सप्ताह में ट्विन्स लाइव फीटस की रिपोर्ट दी गई। बीती 29 सितम्बर को महिला की श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में डिलीवरी हुई और उसने एक ही बच्चे को जन्म दिया।

अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञों की मानें तो 14वें सप्ताह में होने वाले अल्ट्रासाउंड में यह जानकारी स्पष्ट पता चल जाती है कि गर्भ में कितने बच्चे हैं। ऐसे में यदि अल्ट्रासाउंड में सिंगल लाइव फीटस था, तो 24वें सप्ताह में ट्विन्स आना संभव ही नहीं है। संभवत: अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में कुछ गलती है। महिला के गर्भ धारण के दिन से डिलीवरी तक हुई सभी जांच, अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि गर्भ में कितने बच्चे थे। इसके अलावा लाइन ऑफ ट्रीटमेंट से भी सही जानकारी मिल सकती है। 

चिकित्साधीक्षक डॉ. विनय राय ने बताया कि डॉक्टरों ने इस बात का उल्लेख किया है कि गर्भ में एक ही बच्चे की धड़कन सुनाई दे रही थी। एक अल्ट्रासाउंड सेंटर की दो अलग-अलग रिपोर्ट ने भ्रम पैदा किया है। अस्पताल प्रबंधन ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच के लिए सीएमओ को पत्र भेजा है। 

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मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि यह मामला संज्ञान में आया है। इसे लेकर रेडियोलॉजिस्ट की दो सदस्यीय टीम बना दी गई है। यह टीम पंद्रह दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जिससे स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। 

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