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छोटी सरकार के दावेदारों की बड़ी अग्निपरीक्षा, जानिए कैसे

लोकसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में छोटी सरकार के दावेदारों के कंधों पर खासा दारोमदार है।

By Edited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 04:10 PM (IST)
छोटी सरकार के दावेदारों की बड़ी अग्निपरीक्षा, जानिए कैसे
छोटी सरकार के दावेदारों की बड़ी अग्निपरीक्षा, जानिए कैसे
देहरादून, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में 'छोटी सरकार' के दावेदारों के कंधों पर खासा दारोमदार है। चुनाव के लिए बेहद कम समय मिलने के कारण सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशी के प्रचार का जिम्मा इन्हीं दावेदारों पर है। पार्टी को इन क्षेत्रों में सबसे अधिक फायदे दिलाने वाले निश्चित रूप से आगामी जुलाई में प्रस्तावित पंचायत चुनावों में ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत सदस्य व अध्यक्ष पदों के मजबूत दावेदार बनेंगे। 
प्रदेश में लोकसभा चुनावों के दो माह बाद यानी जुलाई में पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं। हाल ही में हुए परिसीमन के बाद अब प्रदेश में कुल 7799 ग्राम पंचायतें और 16674 गांव हैं। जुलाई में ही इनके सदस्यों व प्रधानों के भी चुनाव होंगे। इसके अलावा क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों के लिए भी चुनाव होने हैं। वैसे तो कोई भी दल इन चुनावों में पार्टी सिंबल पर प्रत्याशी नहीं उतारते हैं लेकिन क्षेत्र व जिला पंचायत स्तर पर सदस्य व अध्यक्ष पद पर होने वाले चुनाव पूरी तरह पार्टी की निगरानी में होते हैं। 
इनके अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के नाम पार्टी स्तर से ही तय किए जाते हैं। फिलहाल पंचायत चुनाव दूर हैं ऐसे में सभी प्रमुख दलों ने अभी से अपने-अपने पंचायत क्षेत्रों में मजबूत पकड़ वाले कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार का जिम्मा सौंप दिया है। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि मतदान में अब केवल एक पखवाड़े का समय शेष रह गया है। पर्वतीय राज्य होने के कारण यहां संसदीय सीटों की भौगोलिक स्थिति बेहद जटिल है। चाह कर भी कोई प्रत्याशी अब स्वयं पूरे लोकसभा क्षेत्र में नहीं जा सकता। 
इस कारण ग्राम पंचायत स्तर तक मजबूत पकड़ वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी प्रत्याशी के प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है। यहां तक कि मतदाताओं को बूथ तक लाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं के कंधों पर सौंपी जा रही है। इससे प्रत्याशियों को खासी मदद मिलने की संभावना है। इतना ही नहीं लोकसभा चुनावों के जरिये इन दावेदारों की आजमाइश भी हो सकेगी। 
प्रदेश में ग्राम पंचायतें 
पौड़ी- 1174 
अल्मोड़ा- 1167 
टिहरी- 1035 
पिथौरागढ़- 686 
चमोली- 610 
उत्तरकाशी- 508 
नैनीताल- 479 
बागेश्वर-  407 
देहरादून-  401 
ऊधमसिंह नगर- 377 
रुद्रप्रयाग- 336 
चंपावत- 313 
हरिद्वार- 306 

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