Move to Jagran APP

'पालना' में ही दम तोड़ रही नन्हीं उम्मीदें, बना महज शोपीस

नवजातों के लिए चलार्इ जाने वाली पालना योजना के हालात कुछ ठीक नहीं है। यह योजना राजधानी देहरादून में परवान नहीं चढ़ पा रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 05:42 PM (IST)
'पालना' में ही दम तोड़ रही नन्हीं उम्मीदें, बना महज शोपीस
'पालना' में ही दम तोड़ रही नन्हीं उम्मीदें, बना महज शोपीस

देहरादून, [जेएनएन]: किसी सरकारी योजना का हश्र यदि देखना है तो दून महिला अस्पताल चले आइए। लावारिस मिलने वाले नवजात बच्चों के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने 'पालना' योजना शुरू की थी। महिला अस्पताल में भी पालना लगाया गया, पर यह शोपीस बनकर रह गया है।  

loksabha election banner

दून में कई नवजात लावारिस अवस्था में पाए गए हैं। हाल ही में आइटी पार्क क्षेत्र में भी दो नवजात मिले थे। इन घटनाओं की रोकथाम के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने पालना योजना शुरू की। तब कहा गया कि यदि कोई शख्स बच्चे को नहीं पाल सकता या अपने साथ नहीं रखना चाहता तो वह बच्चे को इस पालने में रखकर चला जाए। राज्य सरकार उन बच्चों को पालेगी और उन्हें बेहतर भविष्य देगी। इस योजना के तहत दून महिला अस्पताल समेत दो स्थानों पर पालने लगाए गए। यह भी कहा गया कि पालना योजना सभी 13 जनपद के जिला अस्पतालों में शुरू की जाएगी। लेकिन यह मुहिम राजधानी में ही परवान नहीं चढ़ पाई। 

दरअसल, पालना दून महिला चिकित्सालय के परिसर में लगाया गया है। कुछ वक्त पहले सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) की टीम ने अस्पताल पहुंचकर योजना का जायजा लिया था। तब टीम ने इस स्थान को अनुपयुक्त बताया था। टीम के सदस्यों का कहना था कि पालना सार्वजनिक स्थान पर नहीं लगाया जाना चाहिए। इसे किसी एकांत स्थान पर लगाया जाए। क्योंकि भीड़ के बीच कोई भी व्यक्ति यहां बच्चा नहीं रखेगा। साथ ही सामान्य पालना की जगह इलेक्ट्रिक पालना लगाने का भी सुझाव टीम ने दिया था। ताकि पालना में किसी के बच्चा रखते ही अलार्म बज उठे। 

केरल समेत अन्य राज्यों में ऐसे पालने लगाए गए हैं और जो उपयोगी साबित हुए हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट का कहना है कि योजना की समीक्षा की जाएगी। जिस भी स्तर पर बदलाव की गुंजाइश होगी वह किए जाएंगे। उन्होंने माना कि पालना योजना का प्रचार-प्रसार कम होना भी एक कारण है। 

यह भी पढ़ें: झाड़ियों में पड़े मिले दो नवजात, बाल निगरानी समिति करेगी देखरेख

यह भी पढेें: बिजली के तार से नवजात का गला घोंटकर शव नाली में फेंका

यह भी पढ़ें: बिहार निवासी मजदूर का खेत में पड़ा मिला शव, हत्या की आशंका 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.