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उत्तराखंड: अनाथ बच्चों को आवास योजना का भी लाभ, अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को दिए ये निर्देश

कोविड समेत अन्य बीमारियों के कारण माता-पिता व संरक्षक को खोने वाले बच्चों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के क्रियान्वयन को शासन सक्रिय हो गया है। इस कड़ी में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक में जिलाधिकारियों को निर्देश दिए।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 12:25 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 12:25 PM (IST)
उत्तराखंड: अनाथ बच्चों को आवास योजना का भी लाभ, अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को दिए ये निर्देश
उत्तराखंड: अनाथ बच्चों को आवास योजना का भी लाभ। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोविड समेत अन्य बीमारियों के कारण माता-पिता व संरक्षक को खोने वाले बच्चों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के क्रियान्वयन को शासन सक्रिय हो गया है। इस कड़ी में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक में जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अनाथ बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने इसके लिए वांछित अभिलेख तत्परता से तैयार कराने के निर्देश भी दिए। यह योजना एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 तक प्रभावी रहेगी। इसके तहत प्रभावित बच्चों को इस साल जुलाई से प्रति माह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी है।

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अपर मुख्य सचिव ने अपेक्षा की कि सभी जिलाधिकारी प्रभावित बच्चों को उनके मृत माता-पिता व संरक्षक के बैंक खाते, एफडी व बीमा पालिसी का लाभ प्रदान कराने के साथ ही आवश्यकतानुसार आवास योजना का लाभ भी दिलाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को रोजगार के लिए कौशल विकास योजनाओं का लाभ 21 वर्ष से आगे भी प्रदान किया जाए। साथ ही प्रभावित बच्चों की बाल संरक्षण सेवाओं, वन स्टाप सेंटर, निजी विद्यालयों में कार्यरत विशेषज्ञ काउंसलरों से काउंसलिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में जिला स्तर पर एक अधिकारी एक प्रभावित बच्चे को संरक्षण प्रदान कर उसे योजनाओं का लाभ दिलाए। साथ ही व्यक्तिगत रूप से मिलकर प्रतिमाह बच्चे की प्रगति की जानकारी ले।

उन्होंने बाल गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों को राजकीय सेवाओं में आरक्षण के मद्देनजर सभी डीएम को जरूरी अभिलेख तैयार कराने को कहा। उन्होंने अनाथ बच्चों का ब्योरा रोजाना बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश भी दिए।सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास एचसी सेमवाल ने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की कि कोविड-19 व अन्य बीमारियों से मृत्यु से संबंधित रिपोर्ट किए गए प्रकरणों में जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों के आधार पर घर-घर जाकर प्रभावित बच्चों का सत्यापन कराया जाए। सत्यापन कार्य में विभिन्न विभागों के ब्लाक, न्याय पंचायत व ग्राम स्तरीय कार्मिकों और जनप्रतिनिधियोंका सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे बच्चों की जरूरतों का आकलन कर सप्ताहभर में रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। बैठक से 452 अधिकारी, 2818 कार्मिक व जनप्रतिनिधि जुड़े।

आनलाइन व आफलाइन आवेदन

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए महिला कल्याण निदेशालय की ओर से सभी जिलों को मेल आइडी उपलब्ध कराई गई है। इसके माध्यम से योजना के आवेदन पत्र आनलाइन प्राप्त किए जा सकते हैं। आफलाइन आवेदन पत्र जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालयों में जमा किए जाएंगे। आवेदन पत्र भरने में जिला व क्षेत्र स्तर के अधिकारी मदद करेंगे।

जिलाधिकारियों ने दिए सुझाव

-आपदा व दुर्घटना में माता

-पिता की मृत्यु से प्रभावित बच्चों को योजना के दायरे में लिया जाए।

-अनाथ बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए विचार किया जाए।

-बाल संरक्षण सेवाओं की स्पांसरशिप योजना में परिवार की आय सीमा में बढ़ोतरी की जाए।

-अनाथ बच्चों के नियमानुसार दत्तक ग्रहण को सुलभ बनाने को केंद्र से आग्रह किया जाए।

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