नशा तस्करों के खिलाफ एक अक्टूबर से ऑपरेशन सत्य
नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए देहरादून पुलिस एक अक्टूबर से ऑपरेशन सत्य के नाम से विशेष अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत मादक पदार्थों की सप्लाई करने वाले गिरोह के पेडलर और नशा बेचने वाले पुलिस के निशाने पर होंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून : नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए देहरादून पुलिस एक अक्टूबर से ऑपरेशन सत्य के नाम से विशेष अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत मादक पदार्थों की सप्लाई करने वाले गिरोह के पेडलर और नशा बेचने वाले पुलिस के निशाने पर होंगे। अभियान के लिए डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने एसपी क्राइम लोकजीत सिंह को नोडल अफसर नामित किया है। डीआइजी ने बताया कि माह के अंत में अभियान की समीक्षा की जाएगी। जो भी थानेदार बेहतर काम करेगा उसे पुरस्कृत भी किया जाएगा।
कोरोना काल में नशे के कारोबार पर अंकुश लगा था, लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से नशा तस्कर फिर से सक्रिय होने लगे हैं। इसे देखते हुए डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि जनजीवन सामान्य होने की ओर बढ़ रहा है। आवगमन तेज होने के साथ उसकी आड़ में नशा तस्कर भी सक्रिय हो गए हैं। ऐसी स्थिति में तस्करों पर शिकंजा कसने का यह सबसे मुफीद समय है। डीआइजी ने बताया कि ऑपरेशन सत्य के नाम से अभियान शुरू किया जा रहा है। यह अभियान पूरे अक्टूबर महीने चलेगा। अभियान के प्रभावी संचालन के लिए पुलिस अधीक्षक अपराध लोकजीत सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जल्द ही क्षेत्राधिकारियों व थानेदारों को अभियान की रूपरेखा से अवगत कराएंगे। डीआइजी ने कहा कि अभियान के दौरान पूर्व में पकड़े गए नशा तस्कर जो वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं। उन पर विशेष नजर रखी जाएगी। यदि वह दोबारा से नशा तस्करी के धंधे में लिप्त पाए जाएंगे, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही मादक पदार्थ खरीदने वालों पर भी नजर रखी जाएगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि उसे मादक पदार्थ कहां से मिला है। उस नेटवर्क को भी खंगालने की कोशिश होगी, ताकि देहरादून में मादक पदार्थों की पहुंच रोकी जा सके।
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एक साल में 524 तस्कर गिरफ्तार
देहरादून में बीते बीते एक साल में पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत 521 मुकदमे दर्ज किए। 524 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया। इन सभी के कब्जे से भारी मात्रा में चरस स्मैक समेत नशे में प्रयोग होने वाली तमाम जीवन रक्षक दवाओं को बरामद किया गया। यही वजह है कि पुलिस को नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाने पर विचार करना पड़ा।