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एम्स ऋषिकेश में ओपीडी सेवाएं बंद, कोविड मरीजों के लिए 80 आईसीयू सहित 300 बेड किए गए आरक्षित

कोविड-19 के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने सोमवार से ओपीडी सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है। मरीजों की सुविधा के लिए संस्थान की ओर से टेलिमेडिसिन सेवाएं शुरू की गई हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 04:40 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 04:40 PM (IST)
एम्स ऋषिकेश में ओपीडी सेवाएं बंद, कोविड मरीजों के लिए 80 आईसीयू सहित 300 बेड किए गए आरक्षित
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने सोमवार से ओपीडी सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है।

जागरण संवादाता, ऋषिकेश: कोविड-19 के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने सोमवार से ओपीडी सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है। मरीजों की सुविधा के लिए संस्थान की ओर से टेलिमेडिसिन सेवाएं शुरू की गई हैं। अब सभी सामान्य रोगों से ग्रसित मरीज टेलिमेडिसिन ओपीडी के माध्यम से ही संबंधित चिकित्सकों से जरुरी परामर्श ले सकेंगे। इसके साथ ही कोविड संक्रमण से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए एम्स अस्पताल प्रशासन ने 300 से अधिक बेड आरक्षित किए हैं, आवश्कता पड़ने पर इनकी संख्या 500 तक की जाएगी।

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एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत व एम्स प्रशासन ने कुछ व्यवस्थाओं में बदलाव किया है। जिनके तहत अस्पताल में जनरल ओपीडी को बंद कर अब टेलिमेडिसिन ओपीडी के माध्यम से मरीजों को परामर्श दिया जाना शामिल है। इस बाबत एम्स के डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि तेजी से फैल रहे कोविड संक्रमण को देखते हुए संस्थान में जनरल ओपीडी सेवाएं स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।                      ऐसे में सामान्य रोगों से ग्रस्त सभी मरीज अब टेलिमेडिसिन ओपीडी के माध्यम से देखे जाएंगे। जबकि अस्पताल की इमरजेंसी सेवा पूर्व की भांति 24 घंटे जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को अनावश्यक परेशानी से बचने के लिए एम्स द्वारा संचालित की जा रही टेलिमेडिसिन ओपीडी सेवाओं का लाभ लेना चाहिए। इससे मरीजों को संबंधित बीमारी के लिए घर बैठे चिकित्सकीय परामर्श भी मिल सकेगा और वह अनावश्यकरूप से घर से बाहर निकलकर कोविड संक्रमण से भी सुरक्षित रह सकेंगे।  कोविड संक्रमण से ग्रसित मरीजों के उपचार के बाबत उन्होंने बताया एम्स में कोविड मरीजों के लिए 500 बेड आरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल एम्स में कोविड मरीजों के लिए 300 से अधिक बेड रिजर्व रखे गए हैं। जिनमें 80 बेड आईसीयू सुविधायुक्त हैं। डीएचए के अनुसार गंभीर किस्म के कोविड मरीजों के उपचार के लिए अस्पताल में 100 वेन्टिलेटर उपलब्ध हैं। बताया कि कोविड मरीजों के लिए एम्स में एक आपातकालीन केंद्र स्थापित किया गया है। जिसमें कोविड मरीजों की जांच और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने संबंधी प्रक्रियाएं पूर्ण की जाएंगी। 

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समझनी होगी कॉमेडी दूसरी लहर की गंभीरता

कोविड के तीब्र गति से बढ़ते संक्रमण के प्रति आगाह करते हुए एम्स के कम्युनिटी और फेमिली मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. योगेश बहुरूपी ने बताया कि कोविड की दूसरी लहर पहली लहर से कईगुना अधिक घातक है, लिहाजा प्रत्येक व्यक्ति को इसकी गंभीरता को समझना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन का शब्दश: पालन करना होगा। इसके अलावा हम सभी को अधिकांश समय खासकर सार्वजनिक स्थानों पर हरहाल में मास्क के साथ रहने की आदत भी डालनी होगी। उनके अनुसार कोविड से बचाव का पहला उपाय मास्क का इस्तेमाल ही है। उन्होंने बताया कि आपस में दो गज की दूरी बनाए रखने और वैक्सीन लगवाने से कोविड संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही   सुझाव दिया कि शरीर में किसी भी प्रकार के असामान्य लक्षण नजर आने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।

 

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