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सानंद के पार्थिव शरीर को रखा दर्शनार्थ, मातृसदन और परिवार से नहीं पहुंचा कोर्इ भी

स्वामी सानंद के शरीर को दर्शनार्थ रखने के पहले दिन मातृसदन और उनके परिवार से कोर्इ भी एम्स नहीं पहुंचा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 03:57 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 08:53 PM (IST)
सानंद के पार्थिव शरीर को रखा दर्शनार्थ, मातृसदन और परिवार से नहीं पहुंचा कोर्इ भी
सानंद के पार्थिव शरीर को रखा दर्शनार्थ, मातृसदन और परिवार से नहीं पहुंचा कोर्इ भी

ऋषिकेश, [जेएनएन]: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) ने रविवार को स्वामी सानंद (प्रो. जीडी अग्रवाल) के पार्थिव शरीर को उनके अनुयायियों के दर्शन के लिए रखा। लेकिन मातृ सदन और उनके परिवार का कोई भी सदस्य दर्शन को नहीं पहुंचे। छह स्थानीय लोगों ने स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर के दर्शन किए।

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गंगा की अविरलता के लिए ठोस कानून बनाने की मांग को लेकर स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद ने मातृ सदन आश्रम हरिद्वार में अनशन किया था। अनशनरत स्वामी सानंद की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया। जहां 113 दिन के तप के बाद उन्होंने शरीर त्याग दिया। हालांकि, स्वामी सानंद पहले ही एम्स  को अपना शरीर दान कर चुके थे, लिहाजा उनके देह त्यागने के बाद एम्स प्रशासन ने उनके करीबी रिश्तेदार और कुछ अनुयायियों को ही उनके अंतिम दर्शन करने दिए। 

मातृ सदन ने उनके पार्थिव शरीर को तीन दिन हरिद्वार में अनुयायियों के दर्शनार्थ रखने की मांग की थी, जिसे एम्स प्रशासन ने खारिज कर दिया था। बाद में मातृ सदन ने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी। वहीं, इसके जिसके बाद मामले में उच्चतम न्यायालय ने दखल देते हुए एम्स में ही स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए व्यवस्था बनाने के निर्देश एम्स प्रशासन को दिए थे। 

रविवार को एम्स के मानव संरचना विभाग में स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर को उनके अनुयायियों के दर्शनार्थ रखा गया। दोपहर एक बजे से दो बजे तक दर्शन का समय निश्चित था। मगर इस अवधि में मातृ सदन और उनके परिवार का कोई भी उनके दर्शन को नहीं पहुंचे। इतना जरूर रहा कि छह स्थानीय लोगों ने एम्स में जाकर उन के दर्शन किए। एम्स मानव संरचना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विजेंद्र सिंह ने बताया कि अभी अगले नौ रविवार तक यह व्यवस्था जारी रहेगी।

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