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चालान जमा करने को अब नहीं लगाने होंगे आरटीओ के चक्कर, पढ़िए पूरी खबर

जल्द ही चालान शुल्क भरने के लिए वाहन स्वामी को बार-बार परिवहन विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

By Edited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 08:26 PM (IST)
चालान जमा करने को अब नहीं लगाने होंगे आरटीओ के चक्कर, पढ़िए पूरी खबर
चालान जमा करने को अब नहीं लगाने होंगे आरटीओ के चक्कर, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में जल्द ही चालान शुल्क भरने के लिए वाहन स्वामी को बार-बार परिवहन विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए परिवहन विभाग ऑनलाइन चालान जमा करने के लिए एनआइसी के सहयोग से सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। हालांकि, ऑनलाइन चालान जमा करने से पहले वाहन चालक को एक बार इसे वेरिफाई करने के लिए संबंधित आरटीओ अथवा एआरटीओ कार्यालय आना ही होगा। 

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राज्य में संशोधित मोटरयान अधिनियम लागू होने के बाद केंद्र द्वारा तय दरों के साथ ही प्रशमन शुल्क यानी कंपाउंडिंग की दरें भी तय कर दी गई हैं। नई दरें पुरानी दरों से कहीं अधिक है। कई मामलों में तो चालान की राशि दस हजार से अधिक हो सकती है। डिजिटल बैंकिंग के इस जमाने में आमजन अब अपने पास नगदी नहीं रखते। अब लोग डिजिटल भुगतान पर ज्यादा विश्वास करने लगे हैं। इसके अलावा विभाग में भी जुर्माना राशि जमा करने में खासी भीड़ हो जाती है। कई बार जुर्माना राशि के मिलान में देर हो जाती है। ऐसे में यह राशि कार्यालय में ही रखनी पड़ती है। 

इस जमा राशि की सुरक्षा करने में विभाग को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। इन तमाम चीजों को देखते हुए परिवहन विभाग अब ऑनलाइन चालान जमा कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए एनआइसी के सहयोग से एक सॉफ्टवेयर भी तैयार किया जा रहा है। यह सॉफ्टवेयर विभाग को सीधे कोषागार से जोड़ेगा। इसके लिए चालान भुगतने वाले व्यक्ति को एक बार परिवहन कार्यालय आना होगा। जिन धाराओं में उसका चालान हुआ है और संबंधित प्रपत्र उसके पास है तो इन्हें दिखाने पर उससे धाराएं हटा दी जाएंगी। अन्य जो दंड भुगतना होगा वह वह राशि चालान पर लिख दी जाएगी। इस पर वाहन चालक चालान की संख्या के हिसाब से सीधा ऑनलाइन शुल्क जमा कर देगा, जिसकी सूचना आवेदक और विभाग दोनों तक पहुंचेगी। जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि चालान जमा हो गया है। 

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उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि इससे ऑनलाइन चालान शुल्क जमा में खासी आसानी होगी। सबसे अधिक सहूलियत बाहरी राज्यों के वाहन स्वामियों को होगी, जिन्हें चालान भरने के लिए कार्यालय आना होता है। उन्होंने कहा कि इस माह अंत तक यह व्यवस्था लागू होने की पूरी संभावना है।

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