उत्तराखंड में एक लाख पौधों को अब तक लील चुकी है जंगल की आग
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से न सिर्फ बड़े पेड़ों को नुकसान पहुंच रहा बल्कि नई पौध भी खत्म हो रही है। आग से आठ जिलों में 101.5 हेक्टेयर प्लांटेशन प्रभावित हुआ है जिसमें एक लाख से ज्यादा पौधों के नष्ट होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से न सिर्फ बड़े पेड़ों को नुकसान पहुंच रहा, बल्कि नई पौध भी खत्म हो रही है। अभी तक आग से आठ जिलों में 101.5 हेक्टेयर प्लांटेशन प्रभावित हुआ है, जिसमें एक लाख से ज्यादा पौधों के नष्ट होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेशभर में अब 12630 बड़े पेड़ों को आग से नुकसान पहुंचा है।
राज्य के जंगल इस मर्तबा अक्टूबर से ही निरतर झुलस रहे हैं। अब तक प्रदेश में आग की 1649 घटनाओं में 2300 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंच चुका है। हालांकि, तीन रोज पहले इंद्रदेव की मेहरबानी से पड़ी हल्की फुहारों से कुछ राहत जरूर मिली, मगर अब हालात फिर से बिगडऩे लगे हैं। आग अब तो गांवों के नजदीक तक पहुंचने लगी है। ऐसे में चिंता बढ़ गई है। यही नहीं, जंगल की आग भविष्य के दरख्तों के लिए भी खतरा बन गई है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो प्रदेशभर में आग से अब तक 12630 पेड़ों को क्षति पहुंची है। चमोली जिले में सबसे अधिक 10025 और अल्मोड़ा में 2600 पेड़ों को नुकसान पहुंचा है।
अब जरा आग से प्लांटेशन को पहुंची क्षति पर नजर डालते हैं। पौड़ी जिले में आग से सर्वाधिक 33.85 फीसद प्लांटेशन को नुकसान पहुंचा है। इसके बाद चमोली जिले का नंबर है, जहां 20.75 फीसद प्लांटेशन झुलसा है। तीसरे नंबर पर अल्मोड़ा जिला है, जहां 11.5 फीसद प्लांटेशन नष्ट हुआ है। इसी तरह पांच अन्य जिलों में भी प्लांटेशन को नुकसान पहुंचा है। यानी, इन क्षेत्रों में रोपे विभिन्न प्रजातियों के पौधे आग से नष्ट हो गए हैं। विभागीय मानकों को ही देखें तो प्रति हेक्टेयर एक हजार से 1100 पौधे लगाए जाते हैं। इस लिहाज से देखें तो राज्य में अब तक 101.5 हेक्टेयर प्लांटेशन झुलस चुका है, जिससे एक लाख से ज्यादा पौधों को नुकसान पहुंचने की संभावना है। हालांकि, इसका सही आकलन बाद में सामने आ पाएगा।
प्लांटेशन को पहुंचा नुकसान
- जिला, क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)
- पौड़ी, 33.85
- चमोली, 20.75
- देहरादून, 12.25
- अल्मोड़ा, 11.5
- उत्तरकाशी, 9.2
- रुद्रप्रयाग, 7.5
- नैनीताल, 3.5
- टिहरी, 2.5
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