जीएसटी की एक टीम ने बस छोड़ी, दूसरी ने पकड़ ली; पढ़िए पूरी खबर
दून के आशारोड़ी चेक पोस्ट पर तैनात जीएसटी की टीम ने कर चोरी का सामान लेकर आ रही बस को छोड़ दिया। वह तो गनीमत रही कि विभाग की ही एसटीएफ ने बस को पकड़ लिया।
देहरादून, जेएनएन। एक तरफ वित्त विभाग से लेकर राज्य माल एवं सेवा कर के उच्चाधिकारी राजस्व बढ़ोत्तरी के लिए नित नए जतन कर रहे हैं और दूसरी तरफ विभाग के निचले स्तर के कार्मिकों की कार्यशैली कर चोरी करने वालों को बढ़ावा दे रही है। ऐसे ही एक मामले में विभाग की आशारोड़ी चेक पोस्ट पर तैनात मोबाइल टीम ने कर चोरी का सामान लेकर आ रही एक बस को छोड़ दिया। वह तो गनीमत रही कि विभाग की ही एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने बस को पकड़ लिया। हालांकि, तब तक बस से बड़ी मात्र में सामान उतार लिया गया था।राज्य कर विभाग के उपायुक्त (एसटीएफ) एसएस तिरुवा के मुताबिक, सूचना मिली थी कि यूपी15डीटी7131 नंबर की एक लग्जरी बस आशारोड़ी से आइएसबीटी की तरफ आ रही है और इसमें कर चोरी कर लाया गया इलेक्टिक सामान रखा गया है।
मुखबिर ने यह भी बताया कि आशारोड़ी की मोबाइल टीम ने बस को पकड़ने के बाद जानबूझकर छोड़ दिया है। जब तक एसटीएफ की टीम आइएसबीटी के पास पहुंची, तब तक वह सरोवर प्रीमियर होटल के सामने खड़ी हो चुकी थी। बस में सामान भी सूचना से काफी कम लदा था। हालांकि, एसटीएफ ने बस को कब्जे में ले लिया और उसे रिंग रोड स्थित आयुक्त राज्य कर कार्यालय में खड़ा करा दिया गया। यह घटना 17 नवंबर देर रात की है और तभी से बस मुख्यालय में खड़ी है। उपायुक्त तिरुवा ने बताया कि बस में रखे सामान का आकलन किया जा रहा है। जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी ।
विवादों में रहने वाले अधिकारी की भी आशारोड़ी में तैनाती
राज्य कर विभाग में अक्सर विवादों में रहने वाले राज्य कर अधिकारी अनिल कुमार को भी आशारोड़ी में तैनाती दी गई है। वर्ष 2016 में अनिल कुमार को प्रशासनिक आधार पर देहरादून से हटाया गया था। ऐसे में पांच साल भीतर उसी जनपद में अनिल कुमार को तैनाती देना भी किसी रहस्य से कम नहीं। इसके अलावा इस अधिकारी को एक दफा निलंबित किया जा चुका है और फिर प्रतिकूल प्रविष्टि देकर बहाल किया गया। हरिद्वार व कुमाऊं मंडल में भी राज्य कर अधिकारी अनिल कुमार की तैनाती के दौरान विवाद खड़े होते रहे। उनकी शिकायतें कई दफा विभाग को मिल चुकी हैं और एक बार सीएम पोर्टल पर भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। बावजूद इसके अनिल कुमार पर मुख्यालय की विशेष कृपा बनी रहती है।
तो दो दिन आशारोड़ी में क्यों खड़ी रही बस
बताया जा रहा है कि आशारोड़ी की मोबाइल टीम ने बस को 15 नवंबर की सुबह पकड़ लिया था। तब से लेकर 17 नवंबर की रात तक बस वहीं खड़ी रही। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि किस आधार पर बस को इतने समय खड़ा रखा गया और फिर बिना कार्रवाई बस को क्यों छोड़ दिया गया। बात यहां तक सामने आ रही है कि बस पकड़ने के बाद मोबाइल टीम के कुछ कार्मिकों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया।
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ऐसे में बस को छोड़ने के बाद उन्हीं में से किसी ने इसकी सूचना एसटीएफ को भिजवा दी। उपायुक्त एसएस तिरुवा ने भी इस तरह की बातों के सामने आने की बात कही है, मगर किसी तरह के साक्ष्य मिलने से इन्कार किया। उधर, आयुक्त राज्य कर ने भी मोबाइल टीम को नोटिस भेजकर जवाब तलब करने की बात कही है।
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