एक करोड़ रुपये के वाहन शहर के बाहर खड़े, लाने की अनुमति नहीं
कंपनियों के कार्गो ट्रक मोहंड के पास उत्तर प्रदेश की सीमा तक वाहनों को लेकर पहुंच भी गए हैं। मगर अब इनकी आगे की राह आसान नहीं हो पा रही।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून में ऑटोमोबाइल शोरूमों को भी खोलने की अनुमति दे दी गई है। अनुमति के अनुसार विभिन्न ऑटोमोबाइल शोरूम ने वाहनों की खेप भी मंगा ली थी। कंपनियों के कार्गो ट्रक मोहंड के पास उत्तर प्रदेश की सीमा तक वाहनों को लेकर पहुंच भी गए हैं। मगर, अब इनकी आगे की राह आसान नहीं हो पा रही। कार्गो वाहन बेहद लंबे होने के कारण मोहंड के मोड़ पार नहीं कर सकते और इनमें लदे वाहनों को चलाकर आगे ले जाने की अनुमति मिल नहीं पा रही। इसके चलते करीब एक करोड़ रुपये के नए वाहन कई दिनों से धूल फांक रहे हैं।
पहले से ही यह व्यवस्था रही है कि ऑटोमोबाइल शोरूम के कर्मचारी कार्गो ट्रकों से वाहनों को उतारकर चलाकर दून तक लाते हैं। अब यह काम लॉकडाउन के चलते नहीं हो पा रहा। वैसे तो कार्गो वाहनों को केंद्र सरकार से लेकर देहरादून जिला प्रशासन तक ने हरी झंडी दे रखी है। मगर, ये ट्रक यहां तक तब पहुंच सकते हैं, जब मोड़ पार करने की स्थिति में हों। ऑटोमोबाइल शोरूम संचालकों व कंपनियों के अधिकारियों ने जिला प्रशासन से पास भी मांगा था, मगर उनका आवेदन रिजेक्ट कर दिया जा रहा है। जिला प्रशासन इसे स्वत: अनुमति की श्रेणी में मानकर अलग से पास नहीं जारी कर रहा। मगर, देहरादून की सीमा के साथ ही उप्र की सीमा पर तैनात पुलिस कार्मिक बिना पास वाहनों को चलाकर ले जाने की अनुमति नहीं दे रहे।
वाहन शोरूम खुले, ग्राहकों का इंतजार
मंगलवार को दून में वाहन शोरूम खुल तो गए, लेकिन खरीदारी के लिए ग्राहक नहीं पहुंचे। ऐसा ही कुछ हाल ऑटो सर्विस स्टेशनों का रहा। कुछ वाहन ही सर्विस के लिए पहुंचे। विगत सोमवार से लॉकडाउन में मिली छूट के बाद मंगलवार को वाहन शोरूम खुले। सबसे पहले शोरूम व सर्विस स्टेशन को सेनिटाइज किया गया। इसके अलावा सीमित स्टाफ को ही काम पर बुलाया गया। सहारनपुर रोड स्थित टाटा मोटर्स के मालिक राघव ओबराय ने बताया कि मंगलवार को कंपनी व सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शोरूम व सर्विस स्टेशन खोला गया। लेकिन शोरूम में एक भी ग्राहक नहीं पहुंचा। जबकि 4-5 गाड़ियां सर्विस के लिए जरूर आई। जीएमएस रोड स्थिति मिंटू मोटर्स वर्कशॉप के संचालक मिंटू ने बताया कि मंगलवार को पूरा दिन वर्कशॉप में एक भी वाहन सर्विस के लिए नहीं आया।
डॉ. आशीष श्रीवास्तव (जिलाधिकारी) का कहना है कि वाहनों को चलाकर लाने में किसी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए। क्योंकि ऑटोमोबाइल कंपनियों को अलग से अनुमति की जरूरत नहीं है। फिर भी यदि कहीं व्यवहारिक या तकनीकी रूप से कोई अड़चन आ रही है तो उसका भी समाधान करा दिया जाएगा।
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