उत्तराखंड: पुरानी पेंशन योजना के पक्ष में खड़े हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, जानें- क्या कहा
उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत पुरानी पेंशन बहाल करने के पक्ष में खड़े हो गए हैं।
By Edited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 10:07 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 02:55 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत पुरानी पेंशन बहाल करने के पक्ष में खड़े हो गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से पुरानी पेंशन योजना के लिए आवाज उठा रहे कार्मिकों को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि वह लोकसभा और विधानसभा से बाहर रहकर भी कर्मचारियों के हिमायती हैं और पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने के पक्ष में हैं।
सोशल मीडिया में गुरुवार को पुरानी पेंशन योजना के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री ने पोस्ट किया कि वर्ष 1999 में कर्मचारी अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थे। भाजपा के चुनाव जीतने के बाद वाजपेयी सरकार ने पब्लिक सेक्टर की इकाइयों को निजी पूंजीपतियों को बेचना शुरू कर दिया। तात्कालिक पेंशन योजना के स्थान पर एक नई पेंशन योजना लेकर आए। आज केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी तड़प रहे हैं। रावत के मुताबिक 2019 में भी उन्होंने हल्द्वानी में एक सभा में कहा था कि मोदी के मोहनास्त्र में फंसकर हमें न नकारें। पूर्व सीएम हरीश रावत का ये भी कहना है कि वह लोकसभा और विधानसभा से बाहर रहकर भी कर्मचारियों के हिमायती हैं और पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने के पक्ष में खडे हैं।
तेजाब पीड़ित कविता को दसवीं पास करने की दी बधाई
एक अन्य पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड की तेजाब पीड़ित कविता बिष्ट को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान से दसवीं कक्षा पास करने पर बधाई दी। कविता को साहस की प्रतिमूर्ति बताते हुए उन्होंने कहा कि उसने जीवन में कभी हार नहीं मानी। उनकी सरकार में कविता को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था। अब कविता महिलाओं के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोल रही हैं। उन्होंने अपनी बेटी अनुपमा को भी कविता से जुड़ने को कहा है।
विकास कार्यों के बूते हासिल करें जीत
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पार्टी विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाने के लिए चेताया, मगर इस दौरान वह कुछ ऐसा कह गए, जिसने विपक्ष को मुद्दा थमा दिया। भगत ने कहा कि वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मोदी लहर की बजाए विधायक अपने क्षेत्रों में किए गए विकास कार्यों के बूते जीत हासिल करें।
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