अधिकारी अब मनमर्जी से ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे विवेचना, पढ़िए पूरी खबर
पुलिस अधिकारी अब मनमर्जी से विवेचना ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। इसके लिए एसएसपी का अनुमोदन लेना जरूरी होगा। एसएसपी पहले विवेचना ट्रांसफर करने का कारण पूछेंगे। अगर कारण जायज रहा तो इसके बाद ही विवेचना दूसरे जांच अधिकारी को ट्रांसफर की जाएगी।
सोबन सिंह गुसांई। पुलिस अधिकारी अब मनमर्जी से विवेचना ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। इसके लिए एसएसपी का अनुमोदन लेना जरूरी होगा। एसएसपी पहले विवेचना ट्रांसफर करने का कारण पूछेंगे। अगर कारण जायज रहा तो इसके बाद ही विवेचना दूसरे जांच अधिकारी को ट्रांसफर की जाएगी।
इससे पहले थानाध्यक्ष, कोतवाल, सीओ और एसपी अपनी मर्जी से ही विवेचना दूसरे अधिकारी को सौंप देते थे। वहीं, यदि किसी जांच अधिकारी के पास अधिक विवेचनाएं या बड़े मामले हैं, तो उन पर बोझ कम करने के लिए दूसरे अधिकारी को विवेचक बनाया जाता है। बताया जा रहा है कि विवेचना ट्रांसफर करने के मामले में कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं। नियमानुसार वादी यदि विवेचक की जांच से खुश नहीं है तो उसकी शिकायत पर विवेचना दूसरे अधिकारी को सौंपी जा सकती है, लेकिन कुछ मामलों में आरोपित के कहने पर ही विवेचक को बदला गया। जब यह मामला एसएसपी के संज्ञान में आया तो उन्होंने सर्कुलर जारी कर दिया।
अधिकारियों पर दबाव डालने के मामले भी आए सामने
एसएसपी के संज्ञान में कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें खुद को फंसता देख प्रभावशाली व्यक्तियों ने अधिकारियों पर दबाव डालकर विवेचना ही ट्रांसफर करवा दी। ऐसे में पहुंच वाले लोग अपराध करने के बावजूद बच जाते हैं, जबकि पीडि़तों को न्याय नहीं मिल पाता। इसीलिए एसएसपी ने लंबे समय से चली आ रही इस प्रथा को बदल दिया है। नियम लागू होने के बाद कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति विवेचना ट्रांसफर करवाकर इस प्रकार लाभ नहीं ले सकेगा।
एसएसपी डॉ. योगेंद्र यादव ने बताया कि विवेचना ट्रांसफर के कुछ मामलों में शिकायत मिली थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। कोई भी अधिकारी यदि विवेचना ट्रांसफर करता है तो उसका कारण बताना होगा। इसके बाद ही विवेचना ट्रांसफर करने की संस्तुति प्रदान की जाएगी।
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