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व्हाट्सएप से आयकरदाताओं की सूचना भेजने का अधिकारियों ने किया विरोध

सूचनाओं के आदान-प्रदान में अहम भूमिका निभाने वाले व्हाट्सएप को लेकर आयकर अधिकारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। विरोध की शुरुआत देहरादून से की गई।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 10:35 AM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 10:35 AM (IST)
व्हाट्सएप से आयकरदाताओं की सूचना भेजने का अधिकारियों ने किया विरोध
व्हाट्सएप से आयकरदाताओं की सूचना भेजने का अधिकारियों ने किया विरोध

देहरादून, सुमन सेमवाल। सूचनाओं के आदान-प्रदान में अहम भूमिका निभाने वाले व्हाट्सएप को लेकर आयकर अधिकारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। विरोध की शुरुआत देहरादून से आयकर राजपत्रित अधिकारी संघ की पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की कार्यकारिणी ने की। 

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आयकर अधिकारियों ने आयकरदाताओं की अतिगोपनीय सूचनाओं को भेजने के लिए इस माध्यम को खतरनाक बताया है। देहरादून में आयोजित क्षेत्रीय बैठक में संघ ने इस बाबत प्रस्ताव पास कर प्रकरण को प्रधानमंत्री के समक्ष रखने का निर्णय लिया है।

आयकर राजपत्रित अधिकारी संघ (पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड) के अध्यक्ष अरविंद त्रिवेदी ने जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि व्हाट्सएप से न सिर्फ आयकरदाताओं की सूचनाएं भेजी जा रही हैं, बल्कि छापे जैसे प्रकरणों की सूचनाओं का भी आदान-प्रदान किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप पर देश का नियंत्रण नहीं है और डीओपीटी की भी गाइडलाइन है कि सरकार से संबंधित जानकारी सिर्फ सरकारी माध्यम से भेजी जाए। इसके अलावा आयकर अधिनियम की धारा-138 में भी आयकरदाताओं की जानकारी गोपनीय रखने का उल्लेख किया गया है।

वहीं, संघ के महासचिव राघवेंद्र सिंह ने कहा कि आयकर संबंधी बड़े प्रकरणों में व्हाट्सएप के माध्यम से डाटा लीक किए जाने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के समक्ष भी इस बात को रखा गया था, जब बोर्ड स्तर से बात नहीं बनी तो संघ ने इसके विरोध में उतरने का निर्णय करना पड़ा। क्षेत्रीय बैठक के माध्यम से इस अहम मसले पर देहरादून समेत आगरा, अलीगढ़, नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद व मुजफ्फरनगर की इकाइयों ने सहमति बना ली है। 

बिजनेस एप्लीकेशन का टोकन सिर्फ आइटीओ को

आयकर अधिकारी संघ ने आयकर विभाग के इनकम टैक्स बिजनेस एप्लीकेशन (आइटीबीए) पर काम करने को लेकर आ रही परेशानी को भी साझा किया। संघ की देहरादून यूनिट के अध्यक्ष आरसी नैनवाल ने कहा कि इस एप्लिकेशन पर काम करने का टोकन सिर्फ आयकर अधिकारियों (आइटीओ) को दिया गया है। 

इस पर अधीनस्थ कार्मिक काम नहीं कर सकता, जबकि अधिकारियों के पास अतिरिक्त जिम्मेदारी भी है। इस सिस्टम में यह भी विसंगति है कि एक टोकन पर काम बंद करने के बाद ही दूसरे लॉगइन पर काम हो सकता है। वहीं, आयकर विभाग के पुराने कंप्यूटर पर इस एप्लिकेशन पर काम करने में दिक्कत आ रही है। 

अधिकतर कंप्यूटर ड्युअल-कोर हैं, जबकि यह एप्लीकेशन कोरआइ-5 व इससे ऊपर की तकनीक पर काम करती है। जुगाड़ के माध्यम से अधिकारी काम करने को मजबूर हैं। संघ की मांग है कि इस तकनीकी खामियों को दूर कर अधीनस्थ स्टाफ को भी काम करने के लिए टोकन जारी किए जाएं।

कोरोना के प्रकोप से रुकी पीसी की आपूर्ति

संघ पदाधिकारियों का कहना है कि करीब आठ साल की मांग के बाद अब सीबीडीटी ने देशभर के अधिकारियों को नई तकनीक के पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की थी। चीन से इनकी आपूर्ति की जानी थी, मगर वहां कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने से यह आपूर्ति अनिश्चितकाल के लिए थम गई है।

आइटीओ को वाहन देने की मांग

आयकर अधिकारी संघ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एक तरफ आयकर अधिकारियों को काम के लिए रात-दिन दौड़ाया जा रहा है और दूसरी तरफ उन्हें वाहन की सुविधा भी नहीं दी जा रही। सिर्फ सात अधिकारियों वाली रेंज में ही दो वाहनों की सुविधा का नियम बनाया गया है। 

संघ की मांग है कि आइटीओ स्तर पर वाहन सुविधा दी जाए। मांग को जायज बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि एक-एक अधिकारी पहले ही कई जिम्मेदारी निभा रहा है। देशभर में आयकर कार्मिकों के 78 हजार पद स्वीकृत होने के बाद भी करीब 46 हजार कार्मिक ही तैनात हैं। 

आयकर अपील को अब दिल्ली की दौड़ नहीं

अब आयकर के अपील संबंधी विभिन्न मामलों के लिए आयकरदाताओं व अधिकारियों को दिल्ली की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। 27 फरवरी को दून में ही इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल की सर्किट बेंच खुल रही है। यह बेंच जोगीवाला के पास बद्रीपुर में खोली जा रही है। यह जानकारी दिल्ली जोन के अपीलेट ट्रिब्यूनल के उपाध्यक्ष जीएस पन्नू ने दी।

सुभाष रोड स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आइसीआइ) के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे अपीलेट ट्रिब्यूनल के उपाध्यक्ष ने कहा कि अब अपील के लिए आयकरदाताओं को लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। इसके साथ ही दिल्ली में चल रहे अपील संबंधी वाद देहरादून शिफ्ट किए जाने लगे हैं।

आइसीआइ के देहरादून के अध्यक्ष रजत शर्मा ने कहा कि आयकर आयुक्त अपील के बाद हाईकोर्ट से पहले अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की जाती है। इस अपील में आयकरदाता या विभाग दोनों जा सकते हैं। इस लिहाज से दून में ही सर्किट बेंच के खुलने के बाद अपीलों की पैरवी सुगम हो पाएगी।

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कार्यक्रम में दिल्ली जोन के अपीलेट ट्रिब्यूनल के सदस्य सुधांशु श्रीवास्तव, मुख्य आयकर आयुक्त बिपिन बिहारी सिंह, प्रधान आयकर आयुक्त एसके अंबष्ठ, आयकर आयुक्त अपील सुनील वर्मा, आइसीआइ के उपाध्यक्ष विमल किशोर, सचिव राजेश गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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