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दून में चुनावी हैंगओवर से बाहर नहीं आए अफसर

चुनाव की एक माह तक चली व्यस्तता और मतदान के पांच दिन बीतने के बाद भी अफसर चुनावी हैंगओवर से बाहर नही आ पा रहे हैं। दफ्तर खुले मगर कलक्ट्रेट समेत कई दफ्तरों में अफसर नहीं मिले।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 01:52 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 01:52 PM (IST)
दून में चुनावी हैंगओवर से बाहर नहीं आए अफसर
दून में चुनावी हैंगओवर से बाहर नहीं आए अफसर

देहरादून, जेएनएन। चुनाव की एक माह तक चली व्यस्तता और मतदान के पांच दिन बीतने के बाद भी अफसर चुनावी हैंगओवर से बाहर नही आ पा रहे हैं। दफ्तर खुले, मगर कलक्ट्रेट समेत कई दफ्तरों में अफसर नहीं मिले। इससे फरियाद लेकर पहुंचे लोगों को लंबे इंतजार के बाद मायूस होकर लौटना पड़ा। यही हाल रहा तो 23 मई को होने वाली मतगणना तक आम लोगों को इसी तरह अफसरों की मनमानी झेलनी पड़ेगी। 

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लोकसभा चुनाव मतदान के बाद लोगों को अफसरों से मिलकर समस्याओं के निस्तारण की उम्मीद जगी। मतदान के बाद दफ्तर खुले तो लोग फरियाद लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे। मगर, यहां पता चला कि जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन दफ्तर में नहीं हैं। काफी जानकारी जुटाने पर जिलाधिकारी के मसूरी स्थित एलबीएस अकादमी में किसी जरूरी काम से जाने की बात कही गई। 

अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजीशरण, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल आदि से भी लोगों की मुलाकात नहीं हो पाई। जानकारी जुटाने पर पता चला कि एडीएम रायपुर स्पोट्र्स कॉलेज में बनाए गए स्ट्रांग रूम के निरीक्षण को गए हैं। ऐसे में लोगों को काफी इंतजार करने के बाद बैरंग लौटना पड़ा। 

कलक्ट्रेट ही नहीं बल्कि विकास भवन, लोक निर्माण विभाग, पेयजल, बिजली आदि दफ्तरों में भी कुछ अफसर तो हाजिरी लगाने के बाद गायब हो गए। कुछ पेडिंग काम का बहाना बनाते हुए दिखे। इससे आम जनता को खासी दिक्कतें उठानी पड़ी। इधर, कलक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे विकासनगर के नसीम खान ने कहा कि जमीन से जुड़े विवाद को लेकर वह जिलाधिकारी से मिलने आए थे। 

सहसपुर के गुलाब चौहान ने पानी की समस्या की बात कही। पटेलनगर की रेखा देवी अमृत योजना से खोदी गई सड़क से जुड़ी समस्या को लेकर आई थीं। इसी तरह कई लोग ऐसे थे जो जिलाधिकारी के न होने पर वापस चले गए। हालांकि जिलाधिकारी के पीए वीरेंद्र सिंह के पास भी कई लोगों ने अपनी समस्याओं से जुड़ी अर्जी दी। इस दौरान संपर्क करने पर एडीएम प्रशासन का सरकारी नंबर आउट ऑफ रीच और डीएम का नंबर नेटवर्क क्षेत्र से बाहर था।

एडीएम वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल के अनुसार वह रायपुर स्थित स्ट्रांग रूम के निरीक्षण को गए थे। वहां पर जरूरी व्यवस्थाएं देखी गई। कुछ देर दफ्तर में बैठकर काम भी निबटाया।

टिहरी सीट पर मिले साढ़े छह हजार पोस्टल बैलेट

टिहरी लोकसभा सीट पर अब तक साढ़े छह हजार पोस्टल बैलेट प्राप्त हो गए हैं। इसमें ढाई हजार सर्विस वोटरों ने भी पोस्टल बैलेट जमा कर दिए हैं। अभी 10 हजार से ज्यादा पोस्टल बैलेट आने बाकी हैं। डाक से मिल रहे पोस्टल बैलेट कोषागार के डबल लॉक में जमा कराए जा रहे हैं। 

टिहरी लोकसभा सीट पर चुनाव ड्यूटी और सर्विस वोटरों की संख्या 20 हजार से ज्यादा है। चुनाव ड्यूटी करने वाले 10 हजार कार्मिकों तथा इतने ही सर्विस वोटरों को पोस्टल बैलेट जारी हुए थे। हालांकि पहली बार सर्विस वोटरों को पोस्टल बैलेट उनके रिकार्ड ऑफिसों को ऑनलाइन उपलब्ध कराए थे। 

इससे सभी सर्विस वोटरों को बैलेट समय पर मिल गए हैं। इसके अलावा इस बार मतगणना के लिए 40 दिन से ज्यादा का समय है। ऐसे में सर्विस वोटर देश के किसी भी कोने में क्यों न तैनात हों, उनका पोस्टल बैलेट समय पर पहुंच जाएगा। 

पोस्टल बैलेट के नोडल अधिकारी राजेश ममगाईं ने बताया कि चुनाव ड्यूटी पर जाने वाले 4161 ने पहले ही पोस्टल बैलेट जमा कर दिए थे। 2301 सर्विस पोस्टल बैलेट मिल गए हैं। अभी तक कोषागार के डबल लॉक में 6566 वोट जमा हो गए हैं। 23 मार्च तक जो भी पोस्टल बैलेट आएगा, उसको मतगणना में शामिल किया जाएगा।

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