जन सुनवाई में अधिकारी अनुपस्थित, भड़के आयोग अध्यक्ष
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग की ओर से जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में छह अधिकारी उपस्थित नहीं हुए।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग की ओर से सोमवार को जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में छह अधिकारी उपस्थित नहीं हुए। जिस पर आयोग के अध्यक्ष भड़क गए और अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसके अलावा सीओ सदर की ओर से कार्यक्रम में शामिल हुए मुंशी व कांस्टेबिल को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उन्होंने कहा कि अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग के अध्यक्ष आरके जैन ने कहा कि शिकायतों के निस्तारण को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है। जन सुनवाई महज औपचारिकता नहीं बल्कि इसमें दोनों पक्षों को सुनकर समस्या का निस्तारण किया जाना जरूरी है। इस मौके पर अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह, मजहर नईम नवाब, सचिव जेएस रावत, निजी सचिव नवीन परमार, जीवन परगाई शामिल रहे।
इन अधिकारियों को जारी हुआ नोटिस
हरिद्वार जिलाधिकारी, हरिद्वार मुख्य शिक्षा अधिकारी, चमोली उपजिलाधिकारी, कोटद्वार उपजिलाधिकारी, सदर और विकासनगर पुलिस क्षेत्राधिकारी।
36 मामलों में से 16 का मौके पर निस्तारण
जन सुनवाई में 36 मामले उठे, जिनमें से 16 का मौके पर निस्तारण किया गया। जिसमें अधिकतम मामले शिक्षा, प्रशासन और पुलिस विभाग से संबंधित रहे। आरके जैन ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के हितों की रक्षा करना आयोग की प्राथमिकता है। उन्होंने आयोग में दर्ज शिकायतों के निस्तारण की दिशा में अधिकारियों और विवेचना अधिकारियों को तेजी से जांच संपादित करने संबंधी निर्देश दिए।
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ऑनलाइन छात्रवृति का समय पर हो सत्यापन
आयोग अध्यक्ष ने पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना की समीक्षा बैठक में सभी जनपदों के शिक्षा अधिकारियों को निश्चित समय के अंदर अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली छात्रवृति के आवेदनों का समय पर सत्यापन करने के साथ मॉनिटङ्क्षरग करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा होना चाहिए। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को ऑनलाइन छात्रवृति के आवेदनों का समय पर सत्यापन करने के साथ ही अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की संख्या सूची सहित 15 दिनों में आयोग को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने बंद बोतल पानी का उपयोग न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के विरुद्ध देशभर में अभियान चल रहा है। इसलिए पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए सामूहिक भागीदारी जरूरी है।
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