उत्तराखंड चुनाव 2022: उत्तराखंड में घटी महिला सर्विस वोटर की संख्या
उत्तराखंड चुनाव 2022 उत्तराखंड में महिला सर्विस वोटर की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। बीते साल जहां यह संख्या 30772 थी। वहीं इस वर्ष यह 2568 रह गई है। इसका एक कारण 2017 के बाद सर्विस मतदाताओं का आनलाइन पंजीकरण होना है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में महिला सर्विस वोटर की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है। बीते वर्ष जहां यह संख्या 30772 थी। वहीं इस वर्ष यह कम होकर 2568 रह गई है। हालांकि, इसका एक कारण 2017 के बाद सर्विस मतदाताओं का आनलाइन पंजीकरण होना है। इससे केवल सर्विस मतदाताओं के नाम ही पंजीकृत हुए हैं। पहले सर्विस मतदाता अपने साथ परिवार दर्शा कर उनका भी सर्विस मतदाता के रूप में पंजीकरण करा लेते थे।
प्रदेश में सर्विस वोटर चुनावों में अहम भूमिका निभाते हैं। जिन सीटों पर 100 से 1000 वोटरों का अंतर रहता है वहां इन वोटरों की महत्ता को समझा जा सकता है। प्रदेश में बीते विधानसभा चुनाव में कुल 97324 सर्विस मतदाता थे। इनमें 66552 पुरुष व 30772 महिला मतदाता शामिल थीं। इस बार यह आंकड़ा थोड़ा कम हुआ है। इस वर्ष जारी मतदाता सूची में कुल 93964 सर्विस मतदाता हैं। इनमें 91396 पुरुष और 2568 महिला मतदाता शामिल हैं। महिला मतदाता के आंकड़ों में कमी का कारण सैनिकों द्वारा अब अपने साथ परिवार के न होने का जिक्र करना भी है।
बात करें, सर्विस वोटर की तो सर्विस वोटर अमूमन प्रदेश के वह सैनिक और अद्र्ध सैनिक होते हैं जो विभिन्न प्रदेश के बाहर विभिन्न राज्यों में तैनात होते हैं और इनका मतदाता पत्र उत्तराखंड का होता है। ये सर्विस मतदाता मतदान से वंचित न हो इसके लिए इन्हें डाक मतपत्र की सुविधा दी जाती है। जब प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर नाम वापसी के पश्चात अंतिम मतदाता सूची बन जाती है तब इनके मतपत्र तैयार किए जाते हैं। जिनमें सभी उम्मीदवारों के नाम होते हैं। यह मतपत्र डाक के सहारे संबंधित सैनिकों व अर्द्ध सैनिकों की कंपनियों को पहुंचाए जाते हैं।
इन पर सैनिक अपने मनपसंद उम्मीदवार को वोट देकर वापस डाक से संबंधित विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारियों को भेज देते हैं। मतगणना वाले दिन सुबह आठ बजे तक प्राप्त होने वाले डाक मतपत्र मतगणना में शामिल किए जाते हैं। मतगणना के दिन अमूमन सबसे पहले डाक मतपत्र की ही गणना की जाती है। हालांकि, यह निर्वाचन अधिकारी के विवेक पर निर्भर होता है कि मतगणना कब कराई जाए।
सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तूदास का कहना है कि अभी तक सर्विस मतदाता का चयन लिखित आवेदन पर होता था। अब आनलाइन रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर दिया है। इसके संबंधित यूनिट से वैरिफाई भी कराया जाता है। संभवत: इस कारण सर्विस मतदाताओं की संख्या में कमी आई है।