कोरोना रोकथाम में एनएसएस की भी रही अहम भूमिका
कोरोना काल में एनएसस से 1.50 लाख युवाओं ने जुड़कर सुदूर क्षेत्रों में खाद्य पदार्थ व मास्क वितरण करने के साथ ही जन जागरूकता अभियान चलाया। उत्तराखंड में एनएसएस के लिए केंद्र सरकार द्वारा 59100 स्वयंसेवक आवंटित हैं। नौ प्रकोष्ठों के माध्यम से इस योजना को संचालित किया जाता है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना के विरुद्ध जंग में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों ने भी अहम भूमिका निभाई है। कोरोना काल में एनएसस से 1.50 लाख युवाओं ने जुड़कर सुदूर क्षेत्रों में खाद्य पदार्थ व मास्क वितरण करने के साथ ही जन जागरूकता अभियान चलाया। उत्तराखंड में एनएसएस के लिए केंद्र सरकार द्वारा 59100 स्वयंसेवक आवंटित हैं। यहां नौ प्रकोष्ठों के माध्यम से इस योजना को संचालित किया जाता है।
इस बार कोरोना के दौरान आमजन को भी स्वयं सेवक के रूप में कार्य करने लिए युवा शक्ति पोर्टल बनाया गया। इसमें युवाओं ने बढ़चढ़ कर रुचि दिखाई। स्थिति यह हुई कि इस पोर्टल में 1.50 लाख स्वयंसेवकों का पंजीकरण किया गया। इन स्वयंसेवकों ने लाकडाउन के दौरान 5.5 लाख मास्क तैयार कर जगह-जगह वितरित किए। इतना ही नहीं, इनके माध्यम से विभिन्न जिलों में छह बड़े मास्क एवं सैनिटाइजर बैंकों की स्थापना की गई। इसके जरिये दूरदराज के क्षेत्रों में मास्क व सैनिटाइजर पहुंचाए गए। कोरोनाकाल में व्यापक जन-जागरूकता हेतु प्रत्येक जिले में कोरोना आधारित क्विज, कविता पाठ एवं पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें 25000 स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया।
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इसके साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में 320 स्थानों पर वाल पेटिंग बनाने का कार्य किया गया। एनएसएस के जरिये बेहतर काम करने वाले तकरीबन 350 कोरोना योद्धाओं को प्रशासन ने पुरस्कृत किया। स्वयंसेवकों ने ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने और उसके इस्तेमाल का प्रशिक्षण देने के साथ ही जागरूक भी किया। यही कारण रहा कि मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भी कोरोना रोकथाम में एनएसएस के सहयोग की सराहना की।
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