Coronavirus: कोरोना जांच में सहयोग नहीं तो लगेगी रासुका: धन सिंह
तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जमात में शामिल लोगों की ओर से सहयोग न मिलना चिंता का सबब बना है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जमात में शामिल लोगों की ओर से सहयोग नहीं मिलना चिंता का सबब बन गया है। ऐसे में सरकार सहयोग नहीं करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लागू करने पर विचार करेगी। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने इसके संकेत दिए।
प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के जितने भी पॉजीटिव केस मिले हैं, सभी का ताल्लुक तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों से है। श्रीनगर में भी ऐसे पांच लोग पकड़े गए हैं जो जमात में शामिल होकर आए हैं। इन लोगों की ओर से कोरोना संक्रमण की जांच में सहयोग नहीं मिलने से सरकार सकते में है। मीडिया से बातचीत में राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सरकार पूरी ताकत झोंके हुए है। कहा कि कुछ लोगों के अड़ियल रवैये से पूरे समाज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तब्लीगी जमात में शामिल लोगों की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। अब भविष्य में इन लोगों ने सहयोग नहीं दिया तो सरकार को एनएसए लगाने को मजबूर होना पड़ेगा।
खुद सामने आएं जमाती तो नहीं होगी एफआइआर
प्रदेश में तीन दिन पूर्व कोरोना संक्रमितों का जो आंकड़ा सात पर अटका हुआ था वह जमातों से वापस लौटे लोगों के कारण 22 तक पहुंच चुका है। तीन दिनों में कोरोना से संक्रमित पाए गए सभी मरीज विभिन्न जमातों से वापस लौटे हैं।
इनकी बढ़ती संख्या सरकार व शासन की परेशानी पर भी बल डाले हुए है। यही कारण है कि पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि एक मार्च के बाद विभिन्न जमातों से वापस लौटे लोग स्वयं सामने आएं हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराने में भी सहयोग दिया जाएगा। जो लोग छिपकर रहेंगे और पुलिस उन्हें ढूंढ़ती है तो फिर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कहा है कि कोरोना से बचाव में सहयोग न करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
दरअसल, सरकार और शासन को सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि एक मार्च के बाद विभिन्न जमातों से वापस आने वाले लोग सामने नहीं आ रह हैं और पुलिस को उन्हें खोजने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे जमातियों की संख्या तकरीबन 72 बताई जा रही है। पुलिस महानिदेशक (कानून व्यववस्था) अशोक कुमार ने ऐसे सभी लोगों से अपील की है कि वे लोग सामने आएं। उन्होंने कहा कि जो लोग सामने आते हैं उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। सामने आने से उनकेस्वास्थ्य जांच हो सकेगी और उनका परिवार भी सुरक्षित रह सकेगा। उन्होंने चेताया है कि यदि पुलिस ने ऐसे लोगों को खोजा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाने की भी अपील की है। कहा कि संकट केसमय में सबको मिलजुकर कोरोना के खिलाफ खड़ा होकर इसका सामना करना है।
एडवाइजरी के विपरीत काम करने वालों से सख्ती से निपटा जाए
जिले के प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि देश इस वक्त संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में सरकार की एडवाइजरी के विपरीत काम करने वालों से सख्ती से निपटा जाए। कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कोई भूखा न रहे और रहने की व्यवस्था हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। कैबिनेट मंत्री आर्य शनिवार को सर्किट हाउस में अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जनपद में बाहर से आए लोगों पर कड़ी निगाह रखी जाए। इसके साथ ही तहसीलों में कंट्रोल रूम स्थापित कर सूचनाओं के आदान प्रदान में तेजी लाई जाए। आर्या ने कहा कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में नियमित रूप से सेनिटाइजेशन का कार्य किया जाए और जरूरतमंदों को हर हाल में भोजन भी उपलब्ध कराया जाए।
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तब्लीगी जमात के लोग जांच को आगे आएं: हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने दिल्ली से तब्लीगी जमात से आए लोगों को समझाने और कोरोना जांच में सहयोग के लिए उन्हें आगे आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि तब्लीगी जमाती भाइयों को अपने बच्चों, परिवारों और समाज की सुरक्षा के लिए प्रशासन से संपर्क करना चाहिए।
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