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उत्तराखंड में भी एनआरसी लागू करने पर विचार, कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा

अब उत्तराखंड भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी (नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन्स) को लागू कर सकता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके संकेत भी दिए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 08:57 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 08:57 PM (IST)
उत्तराखंड में भी एनआरसी लागू करने पर विचार, कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा
उत्तराखंड में भी एनआरसी लागू करने पर विचार, कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा

देहरादून, राज्य ब्यूरो। असोम और हरियाणा के बाद अब उत्तराखंड भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी (नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन्स) को लागू कर सकता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके संकेत भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के साथ बैठ कर इस विषय पर विचार किया जाएगा। कहा, कि उत्तराखंड सीमांत राज्य है। यदि यहां घुसपैठ की पुष्टि होती है, तो यह एक गंभीर विषय हो जाएगा। गौरतलब है कि उत्तराखंड में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रहते हैं और कुछ समय पूर्व यहां रोहिंग्या और अनाधिकृत रूप से रह रहे नेपालियों को लेकर भी इनपुट मिलते रहे हैं। माना जा रहा है कि अब बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस विषय पर चर्चा की जाएगी।

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असोम में लगातार बढ़ रही बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ को देखते हुए बीते वर्ष जुलाई में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसौदा तैयार किया गया था। असोम इसे बनाने वाला पहला राज्य है। यहां बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या के कारण इसे तैयार किया गया। इसके तहत असोम में 1971 से पूर्व रह रहे लोगों को शामिल किया जा रहा है। अब हरियाणा भी इसे लागू करने की तैयारी में है। हरियाणा में यह रजिस्टर किस प्रकार से बनेगा इसका मसौदा भी जल्द बनाया जाएगा। इन सबके बीच अब उत्तराखंड में भी एनआरसी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। दरअसल, उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रहते हैं। इनमें अवैध रूप से बसने वालों को लेकर सरकार को इनपुट मिलते रहे हैं। इसके अलावा हरिद्वार व रुड़की में अवैध रूप से रहने वाले रोहिंग्याओं के संबंध में भी खुफिया एजेंसियों ने इनपुट दिए हैं। सीमांत क्षेत्रों में अवैध रूप से रह रहे नेपालियों के संबंध में भी खुफिया एजेंसियां जानकारी उपलब्ध कराती रही हैं।

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सोमवार को एक कार्यक्रम में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इसे लेकर गंभीर दिखे। उन्होंने कहा कि यह देखा जाएगा कि राज्य में इसकी आवश्यकता है या नहीं। उन्होंने कहा कि एनआरसी पर लंबे समय से बात चल रही है। घुसपैठ से बचना है तो इसे लागू करना चाहिए। प्रदेश में भी मंत्रिमंडल के साथ इसकी चर्चा की जाएगी। आवश्यकता पडऩे पर इसे लागू किया जाएगा। उत्तराखंड अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा सीमांत राज्य है, यहां घुसपैठ की बात आती है तो यह बड़ा चिंताजनक विषय हो सकता है।

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