पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से उत्तराखंड के पर्यटन को लगेंगे पंख, बढ़ेगी सेना की सामरिक क्षमता; जानें- सबकुछ
Chardham Project से गंगोत्री बदरीनाथ और पिथौरागढ़ राजमार्ग की चौड़ाई 10 मीटर करने की छूट मिल गई है। इसका लाभ उत्तराखंड को न सिर्फ पर्यटन और तीर्थाटन की गतिविधियों के विकास के रूप में मिलेगा बल्कि इससे सेना की क्षमता को मजबूती प्रदान करने में भी मदद मिलेगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Chardham Project चारधाम राजमार्ग परियोजना के तहत गंगोत्री, बदरीनाथ और पिथौरागढ़ राजमार्ग की चौड़ाई 10 मीटर करने की छूट मिल गई है। इसका लाभ उत्तराखंड को न सिर्फ पर्यटन और तीर्थाटन की गतिविधियों के विकास के रूप में मिलेगा, बल्कि इससे सेना की क्षमता को मजबूती प्रदान करने में भी मदद मिलेगी।
उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश भी कहा जाता है। इसी के अनुरूप देश-विदेश से लाखों पर्यटक यहां की सुंदर वादियों का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं। समय के साथ राज्य में पर्यटक तो बढ़े, मगर सड़कों की चौड़ाई नहीं बढ़ पाई। ऐसे में दूरस्थ क्षेत्रों में भी पर्यटन सीजन में जाम देखने को मिल जाता है। सड़कों की चौड़ाई कम होने से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं। क्योंकि, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व अन्य मैदानी राज्यों के पर्यटकों को पहाड़ की संकरी व घुमावदार सड़कों पर वाहन चलाने का अनुभव नहीं होता।
अब सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य में तीन प्रमुख राजमार्गों की चौड़ाई 10 मीटर हो पाएगी। इससे पर्यटकों को वाहन चलाने में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। चौड़ाई बेहतर होने से वाहन आसानी से गुजर सकेंगे और पर्यटकों के समय की बचत भी हो पाएगी। इससे प्रदेश में पर्यटन के नए अवसर भी पैदा होंगे।
इसके अलावा गंगोत्री, बदरीनाथ और पिथौरागढ़ राजमार्ग सामरिक दृष्टि से भी अहम हैैं। तीनों राजमार्ग चीन और नेपाल सीमा को जोड़ते हैं। इनकी चौड़ाई बढ़ने से सेना को भारी वाहन और रक्षा संसाधन ले जाने के लिए बेहतर सड़क मिल पाएगी। कम समय में आसानी से सेना अपने रक्षा संसाधन सीमा तक पहुंचा सकेगी।
लंबे समय से सीमांत में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने की मांग को लेकर मुखर रूलक के संस्थापक पद्मश्री अवधेश कौशल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सेना के साथ ही पूरे प्रदेश को लाभ मिलेगा। यह बात तथाकथित पर्यावरणविदों को समझनी होगी कि चीन व नेपाल जैसे पड़ोसी देश सीमा पर धातु की सड़कें बना रहे हैैं। वह सीमा के पास बड़े बांध का निर्माण भी कर रहे हैं। दूसरी तरफ, हम स्वीकृत परियोजनाओं में भी पेच फंसा रहे हैैं। इस तरह के विवादों से प्रदेश ही नहीं, देश का विकास भी बाधित होता है। सबसे अहम बात यह कि इस तरह की अड़चनों से भारी नुकसान हो सकता है। हालांकि, अब सब कुछ ठीक होता दिख रहा है। चारधाम राजमार्ग परियोजना में तीन राजमार्गों की बाधा दूर हो जाने से आने वाले सालों में उत्तराखंड विकास की नई पटकथा लिखेगा।
थमेगा पहाड़ों से पलायन
दूरस्थ क्षेत्रों में आवागमन सुगम हो जाने के बाद पहाड़ों से पलायन भी थमेगा। आवागमन सुगम हो जाने से दूसरे राज्यों में बसे उत्तराखंड के निवासी अपने गांव आते रहेंगे। पर्यटन व तीर्थाटन की गतिविधियों को बल मिलने से रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। घर के पास ही रोजगार के विकल्प मिलने से पलायन की समस्या भी दूर हो सकती है।
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