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छावनी क्षेत्र में अब बिना इजाजत बदलिए अपने घर का हुलिया

छावनी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अगर आप वैध संपत्ति के मालिक हैं और अपने घर की मरम्मत कराना चाहते हैं तो अब इसके लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 12:22 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 12:22 PM (IST)
छावनी क्षेत्र में अब बिना इजाजत बदलिए अपने घर का हुलिया
छावनी क्षेत्र में अब बिना इजाजत बदलिए अपने घर का हुलिया

देहरादून, जेएनएन। छावनी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अगर आप वैध संपत्ति के मालिक हैं और अपने घर की मरम्मत कराना चाहते हैं तो अब इसके लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। नया निर्माण कराए बिना आप अपने घर की मरम्मत करा सकेंगे। 

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रिटायर्ड आइएएस सुमित बोस की रिपोर्ट में मकान की मरम्मत करने को लेकर दी गई संस्तुतियों पर रक्षा मंत्रालय की मुहर लग गई है। कुछ दिन पहले इसे लेकर छावनी परिषदों को पत्र भी भेज दिया गया है। इससे वहां रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। 

छावनी में भवन की मरम्मत को लेकर डायरेक्टर जनरल डिफेंस स्टेट के डिप्टी डायरेक्टर की ओर से पत्र जारी किया गया है। इसमें मरम्मत को लेकर पहली बार अलग-अलग बिंदुओं को स्पष्ट किया गया है। अभी तक छावनी में मकान की मरम्मत के लिए कुछ भी स्पष्ट नहीं था। लोग घर में छोटी-छोटी मरम्मत के लिए भी कैंट बोर्ड के चक्कर काटते थे। 

नई नियमावली में रिपेयरिंग पर स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। इसके तहत अगर प्रॉपर्टी में सब डिवीजन नहीं है तो घर के भीतर पार्टीशन के लिए दीवार लगा सकते हैं। बदलाव के तहत अब लोग 1.20 मीटर ऊंचाई तक ईंट की बाउंड्री बना सकते हैं। वहीं, टूटी हुई सीढ़ी को भी ठीक करा सकते हैं।

इसके अलावा घर के भीतर की मरम्मत की जा सकेगी। खिड़की, दरवाजे और एयर कंडीशन लगाने के लिए जगह बनाने और फर्श के टूटे पत्थर ठीक कराने जैसे कार्यों के लिए भी कैंट बोर्ड से अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। 

यह है वर्तमान स्थिति

छावनी क्षेत्र में स्थित मकानों की मरम्मत बिना कैंट की अनुमति के संभव नहीं थी। लोगों को अपने खिड़की-दरवाजों समेत छत व सीढ़ी तक की मरम्मत के लिए कैंट बोर्ड से अनुमति लेनी होती थी। कई बार मरम्मत के प्रस्ताव कई-कई माह तक लटक जाते थे, जबकि कैंट बोर्ड के भी कई चक्कर लगाने पड़ते थे। कैंट बोर्ड की बैठक माह में एक बार ही होती है और कभी-कभी ज्यादा वक्त भी लग जाता है। ऐसे में मरम्मत के प्रकरण लटके रहते थे। 

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कमेटी की सिफारिश पर मिली राहत

केंद्र सरकार की ओर से अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे एक्ट में बदलाव के लिए रिटायर्ड आइएएस सुमित बोस की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने कई कैंट क्षेत्रों में भ्रमण कर जनता से प्रस्ताव मांगे व उनका अध्ययन करने के बाद रक्षा मंत्रालय को एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव दिया। कमेटी के सुझावों को मंत्रालय ने भवनों के आंतरिक परिर्वतन के संबंध में गाइड लाइन जारी की।

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